भय और आशंका में कट रहे तोलाबाज खोकाबाबू के दिन-रात : भारती घोष

डेस्क: खड़गपुर, पश्चिम मेदिनीपुर जिले के सबंग में सभा को संबोधित करते हुए भाजपा उपाध्यक्ष भारती घोष ने राज्य की मुख्यमंत्री और उनके भतीजे सांसद अभिषेक बनर्जी को आड़े हाथों लिया. उन्होंने कहा, खोकाबाबू के दिन-रात अभी भय और आशंका में कट रहे हैं. न जाने कब विनय मिश्रा गिरफ्तार हो जाये, न जाने कब लाला पकड़ा जाये. फिलहाल उनको भगा दिया गया है. वे दुबई चले गये हैं. पकड़े जाने पर खोकाबाबू को भी जेल जाना पड़ सकता है.
भाषण के दौरान घोष ने ‘फरार लाला, हिरासत में एनामुल, अरे दूर हो जाओ तृणमूल.’ खोकाबाबू तोलाबाज, उखाड़ फेंको तृणमूल राज’ जैसे नारे लगवाये.
उन्होंने कहा, राज्य में खोकाबाबू तोलाबाजी कर रहे हैं. जो लोग कुछ दिनों पहले तक निम्न मध्य वर्ग के थे. अचानक उनके पास करोड़ों का मकान हो गया. करोड़ों की संपत्ति हो गयी.
उन्होंने आरोप लगाया कि विनय मिश्रा, एनामुल, लाला जैसे तस्करों माफियाओं से रुपये की उगाही करके आज कालीघाट जैसे इलाके में माननीया (ममता बनर्जी) और उनके परिवार के पास करोड़ों रुपये के 36 फ्लैट हैं. वहीं राज्य में अम्फन तूफान में टूटे लोगों के घरों को बनाने के लिए केंद्र की मोदी सरकार ने 1000 करोड़ रुपये दिये, जिसे इनके नेता-मंत्री खाकर मोटे हो गये.
राज्य की ममता सरकार द्वारे-द्वारे सरकार कर रही है, जबकि यहां गली-गली में बोरोजगार पड़े हुए हैं. 42 लाख राज्य के श्रमिक दूसरे राज्यों में रोजगार को जाने को मजबूर हैं.
राज्य की जनता लांछित, वंचित, अपमानित हैं. महिलाएं भयभीत हैं, शिक्षक अपमानित हो रहे हैं. राज्य के डॉक्टर व वकील मार खा रहे हैं. बचानेवाली पुलिस डर के मारे टेबुल के नीचे छुप जाते हैं. अगर कोई तृणमूल के गुंडों से हिम्मत करके बचाने जाता है तो वह कैंसर घोषित हो जाता है और हटा दिया जाता है. पुलिस भय से थर-थर कांपती है.
राज्य की ममता सरकार लोगों को जीने के अधिकार से वंचित कर रही है. आयुष्मान भारत जैसी योजना राज्य में लागू होती तो लोग इलाज करवा कर बच तो पाता. वह राज्य में स्वास्थ्य साथी कार्ड के तौर पर झुनझुना पकड़ी रही हैं, जिसको लेकर लोग अस्पताल-अस्पताल दौड़ेंगे और उन्हें चिकित्सा नहीं मिलेगी, क्योंकि अस्पतालों को रुपये देगा कौन? कोई बीमा कंपनी तो है नहीं. राज्य सरकार स्वास्थ्य बजट में जितने रुपये घोषित की है, उससे 1117 रुपये प्रति व्यक्ति होता है साल का तो पांच लाख रुपये प्रति व्यक्ति कहां से आयेंगे. राज्य में स्वास्थ्य साथी योजना का खूब प्रचार किया जा रहा है. चुनाव के पहले लोगों को इसके जरिये लुभाने की कोशिश हो रही है. जबकि स्वास्थ्य साथी योजना राज्य में पहले से है. जिनके पास स्वास्थ्य साथी कार्ड है, उन्हें अस्पतालों में चिकित्सा नहीं मिल रही, क्योंकि सरकार अस्पतालों को रुपये मुहैया नहीं करा रही है. यह महज के एक छलावा है.
राज्य में महिलाएं असुरक्षित हैं. आये दिन उनके साथ दुष्कर्म की घटनाएं हो रही हैं. शिक्षित युवाओं को नौकरी नहीं मिल रही. शिक्षक नौकरी के लिए सड़क पर धरना दे रहे हैं. राज्य में स्थिति बदलने के लिए, युवाओं को रोजगार उपलब्ध कराने के लिए और लोगों को अपना अधिकार प्राप्त करने के लिए 2021 में भाजपा की सरकार को चुनना होगा.