पश्चिम बंगाल

बंगाल में बीजेपी नेता शुभेंदु अधिकारी और मुकुल राय की गिरफ्तारी की मांग हुई तेज

डेस्क: पश्चिम बंगाल में सोमवार सुबह नारदा स्टिंग मामले में राज्य के मंत्री, मंत्री सुब्रत मुखर्जी और राज्य के दो पूर्व मंत्री शोभन चटर्जी और मदन मित्रा को सीबीआई ने गिरफ्तार किया. इसकी सूचना के बाद मुख्यमंत्री ममता बनर्जी खुद निजाम पैलेस स्थित सीबीआई दफ्तर पहुंच गयीं, जहां वह अपनी गिरफ्तारी की जिद पर बैठ गयीं. ममता बनर्जी और तृणमूल कांग्रेस के समर्थक सीबीआई दफ्तर के बाहर जुटना शुरू हो गए.

तृणमूल समर्थक और नेताओं का कहना है कि नारदा मामले में सिर्फ तृणमूल के मंत्रियों और नेताओं के खिलाफ कार्रवाई हुई. आखिर इस मामले में आरोपी शुभेंदु अधिकारी और मुकुल राय को क्यों नहीं गिरफ्तार किया गया ? क्या उन्हें बीजेपी में शामिल होने के कारण रियायत दे दी गई है?

सीबीआई के इस कदम को राजनीति से प्रेरित बताया जा रहा है. इसके साथ ही मामले में अन्य आरोपी तृणमूल से भाजपा में गए शुभेंदु अधिकारी, मुकुल राय, शंकुदेब पांडा की भी गिरफ्तारी की मांग काफी तेज हो गई है. ऐसे में अब देखना दिलचस्प होगा कि क्या सीबीआई इन नेताओं को भी गिरफ्तार करती है या उनके खिलाफ क्या कदम उठाती है.

स्टिंग ऑपरेशन करनेवाले पत्रकार मैथ्यू सैम्यूल का भी एक वीडियो जारी हुआ है. उस वीडियो में मैथ्यू सैम्यूल ने भी शुभेंदु अधिकारी की गिरफ्तारी नहीं होने पर प्रश्न खड़ा किया है. उन्होंने कहा है कि नारदा स्टिंग मामले में शुभेंदु अधिकारी भी उतने ही दोषी हैं. उन्होंने खुद मेरे हाथों से रुपए लिए थे तो आखिर उनके खिलाफ कार्रवाई क्यों नहीं की गई.

तृणमूल कांग्रेस प्रवक्ता व शारदा मामले में सीबीआई के हाथों गिरफ्तार हो चुके कुणाल घोष ने भी यही प्रश्न खड़ा किया है. उन्होंने मांग की है कि इस मामले में शुभेंदु अधिकारी, मुकुल राय और शंकु देब पांडा की भी गिरफ्तारी होनी चाहिए.

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आपको बता दें कि टीएमसी नेताओं को सीबीआई दफ्तर लाने के बाद पश्चिम बंगाल की सियासत में भूचाल आ गया. नेताओं के समर्थन में प्रदर्शन होने लगा. इस बीच मुख्यमंत्री ममता बनर्जी भी सीबीआई दफ्तर पहुंच गई हैं. इस बीच सीबीआई के अफसर ममता के मंत्रियों और विधायक से पूछताछ कर रहे हैं.

सूत्रों का कहना है कि मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने सीबीआई के अफसरों से कहा कि अगर आप इन चार नेताओं को गिरफ्तार कर रहे हैं तो मुझे भी गिरफ्तार करना पड़ेगा, राज्य सरकार या कोर्ट के नोटिस के बिना इन चारों नेताओं को गिरफ्तार नहीं कर सकते हैं, अगर फिर भी गिरफ्तार करते हैं तो मुझे भी गिरफ्तार किया जाए.

राज्यपाल ने मुकदमा चलाने की दी थी इजाजत पिछले दिनों ही सीबीआई ने पश्चिम बंगाल के राज्यपाल जगदीप धनखड़ से नारद स्टिंग मामले में फिरहाद हकीम, सुब्रत मुखर्जी, मदन मित्रा और शोभन चटर्जी के खिलाफ मुकदमा चलाने के लिए अनुमति मांगी थी. ये सभी उस समय मंत्री थे, जब कथित नारद स्टिंग टेप सामने आया था. चुनाव के तुरंत बाद राज्यपाल ने सीबीआई को इजाजत दे दी थी.

सीबीआई के सूत्रों का कहना है कि इन चारों नेताओं को नारदा घोटाले में पूछताछ के लिए सीबीआई दफ्तर लाया गया है. इन चारों नेताओं से सवाल-जवाब किया जा रहा. इस पूछताछ के बाद इन चारों नेताओं को गिरफ्तार करके कोर्ट में पेश किया जाएगा. कोर्ट से सीबीआई इन चारों नेताओं की कस्टडी मांगेगी.

2016 में हुआ था नारदा घूस कांड

2016 के विधानसभा चुनाव से पहले नारदा स्टिंग टेप सार्वजनिक किए गए थे. दावा किया गया था कि ये टेप साल 2014 में रिकॉर्ड किए गए थे और इसमें टीएमसी के मंत्री, सांसद और विधायक की तरह दिखने वाले व्यक्तियों को कथित रूप से एक काल्पनिक कंपनी के प्रतिनिधियों से कैश लेते दिखाया गया था.

यह स्टिंग ऑपरेशन कथित तौर पर नारदा न्यूज पोर्टल के मैथ्यू सैमुअल ने किया था. कलकत्ता हाई कोर्ट ने मार्च, 2017 में स्टिंग ऑपरेशन की सीबीआई जांच का आदेश दिया था. हालांकि, इस स्टिंग में सिर्फ इन चार नेताओं के नाम सामने नहीं आए थे, बल्कि कई उन नेताओं के भी नाम थे, जो अब बीजेपी में शामिल हो चुके हैं.

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