पश्चिम बंगाल

खुलासा : बंगाल के हज हाउस में हैं 200 जमाती, पहले मस्जिदों में छुपे थे

हज हाउस को क्वारेंटाइन सेंटर के रूप में बदला गया है

डेस्क: देशभर में कोरोना महा’मारी के संक्र’मण को फैलाने का आरोप दिल्ली के निजामुद्दीन मरकज से निकले तब्लीगी जमात के लोगों पर लगते रहे हैं.

साथ ही यह आरोप लगे हैं कि पश्चिम बंगाल की ममता बनर्जी सरकार राज्य में छुपे मरकज से लौटे लोगों को बचाने में लगी हुई हैं. इसी बीच एक खुलासा हुआ है कि दिल्ली के मरकज से लौटे 200 से ज्यादा जमातियों को ममता बनर्जी सरकार न्यूटाउन स्थित हज हाउस में रखी हुई है, जहां उनका पूरा ख्याल रखा जा रहा है.

Huj  house

हज हाउस को क्वारेंटाइन सेंटर के रूप में बदला गया है. पश्चिम बंगाल सरकार के अधिकारी ने इस सूचना की पुष्टि की है.

यहां ठहरे हुए जमातियों में कई विदेशी

यहां रह रहे लोगों में कई विदेशों के हैं, मरकज में शामिल होने आये थे और वहां से बंगाल पहुंचे थे. उनके थाइलैंड, मलेशिया. म्यांमार, इंडोनेशिया सहित अन्य देशों से आये लोग हैं. वहीं कुछ लोग दिल्ली के मरकज में शामिल होने के बाद देश के विभिन्न राज्यों का भ्रमण करके बंगाल आये थे.

मरकज से लौट कर बंगाल के विभिन्न मस्जिदों में छुपे थे

बताया जा रहा है कि ये लोग अपनी जानकारी छुपा कर राज्य के विभिन्न मस्जिदों में छुपे हुए थे. इसकी जानकारी पाकर राज्य की पुलिस लगातार छापेमारी कर रही थी. 300 से ज्यादा संदिग्धों को पकड़ा गया था. इसके बाद उन्हें विभिन्न क्वारेंटाइन सेंटर में रखा गया. वहीं कई लोगों की जांच रिपोर्ट में कोरोना नहीं पाये जाने और उनके स्वस्थ रहने पर उन्हें उनके घर भेजने की व्यवस्था की गयी. इसके बावजूद अभी भी 200 तबलीगी जमात के सदस्यों को हज हाउस व इसके आसपास के इलाकों में क्वारेंटाइन करके रखा गया है. जहां उनकी चिकित्सा की जा रही है. जो लोग स्वस्थ हैं, उनके घर लौटने की व्यवस्था की जायेगी. जो लोग विदेश के हैं, उनको फिलहाल अपने वतन लौटने के लिए इंतजार करना होगा. उनको उनके देश के दूतावास से संपर्क करके लौटाने की व्यवस्था की जायेगी.

पर्यटन वीजा लेकर घुसे और कर रहे थे अवैध कार्य, होगी कानूनी कार्रवाई

आरोप है कि उनमें अधिकतर पर्यटन वीजा पर भारत आये थे, लेकिन नियमों की अवमानना करते हुए निजामुद्दीन मरकज में शामिल हुए और पूरे देश का भ्रमण किये. ऐसे लोगों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की बात कही जा रही है. बताया गया है कि उनको ब्लैक लिस्ट कर दिया जायेगा. साथ ही उनके खिलाफ कानूनी कार्रवाई भी हो सकती है. ऐसे में कई का घर लौटना मुश्किल हो सकता है.

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