पश्चिम बंगालराजनीति

बंगाल से हटेगा बुआ-भतीजावाद, ‘तोलाबाजी’ अब चंद दिनों का मेहमान : नरेंद्र मोदी

कोलकाता : प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने रविवार को पश्चिम बंगाल के पूर्व मेदिनीपुर जिले के हल्दिया से राज्य की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी व उनकी पार्टी तृणमूल कांग्रेस पर जमकर बरसे। प्रधानमंत्री ने कहा कि बुआ-भतीजावाद पश्चिम बंगाल से हटेगा। तृणमूल कांग्रेस की ‘तोलाबाजी’ और सिंडिकेट अब चंद दिनों का मेहमान है।

इसके साथ ही पश्चिम बंगाल में विधानसभा चुनाव 2021 से पहले प्रधानमंत्री ने किसानों के लिए बहुत बड़ी घोषणा की। कहा कि बंगाल में भाजपा की सरकार बनेगी, तो यहां के किसानों को उनका अधिकार मिलेगा। ममता बनर्जी ने जिस प्रधानमंत्री किसान सम्मान योजना को रोक रखा था, उसका लाभ भाजपा की सरकार बंगाल के किसानों को देगी।

श्री मोदी ने वादा किया कि भाजपा सरकार की पहली कैबिनेट में ही इससे संबंधित प्रस्ताव को पास किया जायेगा। साथ ही कहा कि यहां के किसानों को उनका बकाया पैसा भी भाजपा की सरकार देगी।

किसानों से किया वादा : ‘पीएम किसान’ का बकाया पैसा भी देंगे

बंगाल के किसानों से प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने वादा किया कि बंगाल में सरकार बनेगी, पहली कैबिनेट में किसानों की योजना को तेज गति से लागू करेंगे। बकाया पैसा भी बंगाल के किसानों को देंगे।
भारत माता की जय के नारे से बौखला जाती हैं ममता दीदी
प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि बंगाल में अगर कोई दीदी से अपने अधिकार की बात पूछ दे, तो वह बौखला जाती हैं। भारत माता की जय के नारे से भी ममता बनर्जी नाराज हो जाती हैं। लेकिन, देश के खिलाफ कोई कितना भी बोल दे, उन्हें कोई फर्क नहीं पड़ता।

महर्षि अरविंद, स्वामी विवेकानंद की विरासत को बदनाम करने का षड्यंत्र

नरेंद्र मोदी ने कहा कि भारत को बदनाम करने के लिए अंतरराष्ट्रीय साजिशें रची जा रही हैं। भारत की छवि को खराब करने का इतना बड़ा षड्यंत्र रचा जा रहा है कि योग और चाय जैसी भारत की विरासत पर हमला किया जा रहा है। भारत के खिलाफ इन साजिशों पर ममता बनर्जी कुछ नहीं बोलतीं।

भारत के खिलाफ चल रहे षड्यंत्रों का भारत पूरी ताकत से जवाब देगा

ड्यंत्रकारियों से कहना चाहता हूं कि देश इन षड्यंत्रों का पूरी ताकत से जवाब देगा। मां-माटी-मानुष की बात करने वाले लोगों में भारत माता के लिए आवाज बुलंद करने का साहस नहीं है। साहस नहीं है, क्योंकि इतने सालों में इन लोगों ने राजनीति का अपराधीकरण किया है, भ्रष्टाचार को संस्थागत बनाया है और प्रशासन एवं पुलिस का राजनीतिकरण किया है।

गुलामी के दौर में भी बंगाल काफी विकसित था

भारत जब गुलाम था, तब भी बंगाल विकसित था। विकसित राज्यों में सबसे आगे हुआ करता था। बंगाल के लोग, यहां के किसान परिश्रमी हैं। यहां की जमीन काफी उपजाऊ है। फिर क्या हुआ कि आज बंगाल इतना पिछड़ गया।
बंगाल में कभी विकास की राजनीति नहीं हुई

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि कांग्रेस के शासन में यहां भ्रष्टाचार हुआ। लंबे समय तक शासन करने वाले लेफ्ट ने भ्रष्टाचार के साथ-साथ हिंसा को जोड़ दिया। वर्ष 2011 में पूरे देश की नजरें बंगाल पर थीं। लेफ्ट की हिंसा और भ्रष्टाचार का जर्जर किला बहने की कगार पर था। उस समय ममता दीदी ने बंगाल से परिवर्तन का वादा किया। उनके इस वादे ने पूरे देश का ध्यान खींचा।

लोगों ने ममता पर भरोसा किया, लेकिन निर्ममता मिली

लोगों ने ममता पर भरोसा किया। बंगाल ममता की आस लेकर जी रहा था, लेकिन 10 साल उसे निर्ममता मिली। किसानों को वो सुविधाएं नहीं मिलीं, जो उन्हें मिलनी चाहिए थीं। आम लोगों को आयुष्मान भारत योजना के लाभ से बंगाल की टीएमसी सरकार ने वंचित किया।

ममता के राज में लोगों ने सूद समेत लेफ्ट का पुनर्जीवन देखा

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि ममता बनर्जी के शासन में हिंसा, अपराध और अपराधियों का, लोकतंत्र पर हमलों का पुनर्जन्म हुआ। इससे बंगाल में गरीबी का दायरा और बढ़ता गया। पुराने उद्योगों में ताले लगते गये। नये उद्योग लगाने के लिए कोई उत्साह नहीं रहा। किसान को उतनी सुविधा नहीं मिलती, जितनी मिलनी चाहिए थी।

बंगाल के आम नौजवानों को रोजगार कैसे मिलेगा

प्रधानमंत्री ने कहा कि सरकारी संरक्षण में लोग प्रॉपर्टी पर कब्जा करेंगे। जब सड़कों पर आये दिन खून-खराबा होगा। जब सरकारी भर्तियां पार्टी के लोग करेंगे, तो बंगाल के सामान्य नौजवान को रोजगार कैसे मिलेगा।

नंदीग्राम में लोगों का खून बहाने वाले तृणमूल में क्यों

बंगाल पूछता है कि नंदीग्राम में खून बहाने वालों को ममता ने तृणमूल में शामिल क्यों किया। यह सरकार आपदा में भी भ्रष्टाचार के रास्ते खोजती रहती है। इससे बड़ा अपराध और क्या हो सकता है। इतना बड़ा साइक्लोन आया। इतना कुछ तबाह हो गया। लोगों की मदद के लिए केंद्र सरकार ने जो पैसे भेजे, उसका इन लोगों ने क्या किया, उसके बारे में बंगाल के लोग जानते हैं। हालात ये थे कि कोर्ट तक को इस पर सख्त टिप्पणी करनी पड़ी।

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