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पीएम मोदी की दूरदर्शिता से आज भारत है सुरक्षित, पहले ही भांप लिया था यह बड़ा खतरा

डेस्क: यूक्रेन और रूस के बीच युद्ध कि माहौल के बीच बड़ी कंपनियां रूस में अपनी सेवाओं को बंद कर रहे हैं। इसके लिए वह यह तर्क दे रहे हैं रूस यूक्रेन के साथ जो कुछ भी कर रहा है वह गलत है। दरअसल पश्चिमी देशों की बड़ी कंपनियां ऐसा इसलिए कर रहे हैं ताकि रूस को घुटने पर लाया जा सके। बड़ी-बड़ी कंपनियों द्वारा रूस पर लगाए गए प्रतिबंधों में सबसे प्रमुख गूगल पे और एप्पल पे जैसे वित्त कंपनियां भी शामिल है।

पेमेंट कंपनियां अनौपचारिक रूप से बने युद्ध का हिस्सा

बिजनेस करके मुनाफा कमाने के लिए बनी यह कंपनियां अब अनौपचारिक रूप से युद्ध का हिस्सा बन चुकी है। आज के दौर में जहां लोगों ने डिजिटल पेमेंट सिस्टम को पूरी तरह अपना लिया है वहीं रूस में गूगल पे और एप्पल पे के बंद होने के बाद लोगों को काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है। इतना ही नहीं अमेरिका के दो दिग्गज कंपनियों वीजा और मास्टर कार्ड ने भी रूस में अपनी सेवाओं को तत्काल प्रभाव से बंद कर दिया है।

प्रधानमंत्री मोदी को पहले से था अंदाजा

इसका अर्थ यह हुआ कि रूस में जारी किए गए सभी वीजा एवं मास्टरकार्ड दुनिया में कहीं भी काम नहीं करेंगे। साथ ही दुनिया भर के जारी किए हुए वीजा एवं मास्टर कार्ड रूस में काम नहीं करेंगे। पश्चिमी पेमेंट कंपनियों के इस तरह की घोषणा के बाद रूस की अर्थव्यवस्था में इसका प्रभाव दिखने लगा है। विदेशी कंपनियों पर निर्भर रहने से इस तरह की दिक्कतों का सामना करना पड़ सकता है, इसका अंदाजा प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी में काफी पहले ही लगा लिया था।

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रुपे कार्ड के प्रयोग से देशभक्ति से जोड़ा

2014 में सत्ता में आने के बाद से ही प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मेक इन इंडिया को काफी बढ़ावा दिया और उन्होंने वीजा और मास्टर कार्ड के जगह भारत में निर्मित रुपे कार्ड के प्रयोग के लिए लोगों को जागरूक किया। उन्होंने 2018 में कहा था कि प्रत्येक व्यक्ति देश की रखवाली करने के लिए सीमा पर नहीं जा सकता लेकिन देश की सेवा के लिए रुपए का प्रयोग कर सकता है। तत्कालीन वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने भी सभी बैंकों से अपील कर कहा था कि सभी बैंक रुपे कार्ड को प्रमोट करना शुरू करें।

भारत पहले ही तैयार है

इसके अलावा गूगल पे और एप्पल पे जैसे विदेशी कंपनियों पर निर्भर न रहकर प्रधानमंत्री मोदी ने भारतीय यूपीआई पेमेंट प्लेटफार्म को बढ़ावा दिया। आज भारत के पास भीम, पेटीएम, फोन पे, भारत पे, दामोदर पे जैसे कई पेमेंट सिस्टम है जिनका उपयोग बड़ी संख्या में किया जा रहा है। ऐसे में यदि किसी दिन रूस की ही तरह भारत में भी गूगल पे और एप्पल पे ने काम करना बंद किया तो हमें चिंता करने की कोई जरूरत नहीं क्योंकि हम पहले ही इसके लिए तैयार हैं।

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