दिल्ली

प्रधानमंत्री ने लिया लॉकडाउन बढ़ाने का फैसला : केजरीवाल

14 अप्रैल को लॉकडाउन की अवधि खत्म होने वाली है और इससे पहले इसे आगे बढ़ाने का फैसला लगभग हो चुका है.

डेस्क: मुख्यमंत्रियों के साथ प्रधानमंत्री की वीडियो कांफ्रेंसिंग के बाद दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने अपने ट्वीट के जरिये जानकारी दे दी कि प्रधानमंत्री ने लॉकडाउन बढ़ाने का फैसला किया है. उन्होंने प्रधानमंत्री के फैसले का स्वागत करते हुए कहा कि भारत ने समय रहते लॉकडाउन कर दिया था, जिससे काफी हद तक हमारे यहां कोरोना वायरस पर नियंत्रित किया जा सका है. ऐसे में लॉकडाउन हटाने से सारा किया कराया पर पानी फिर जायेगा. इसीलिए लॉकडाउन बढ़ाने का फैसला सराहनीय है.

14 अप्रैल को लॉकडाउन की अवधि खत्म होने वाली है और इससे पहले इसे आगे बढ़ाने का फैसला लगभग हो चुका है. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी देश के सभी राज्यों के मुख्यमंत्रियों के साथ वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से बातचीत खत्म हो गई है. इसके बाद दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने ट्वीट कर इसकी तरफ इशारा किया है. केजरीवाल उन मुख्यमंत्रियों में शामिल हैं जिन्होंने वीडियो कॉन्फ्रेंस के दौरान लॉकडाउन बढ़ाने की मांग की थी.

बैठक के बाद किए अपने ट्वीट में उन्होंने लिखा है, ‘पीएम मोदी ने सही फैसला लिया है लॉकडाउन बढ़ाने का. आज भारत कई विकसित देशों के मुकाबले बेहतर स्थिति में है क्योंकि हमने पहले ही लॉकडाउन का फैसला ले लिया था.अगर इसे अभी बंद कर दिया गया तो सारी कोशिशों पर पानी फिर जाएगा. इसे बढ़ाना जरूरी है.’

हालांकि, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की तरफ से इसे लेकर अब तक कोई औपचारिक घोषणा नहीं की गई है. माना जा रहा है कि लॉकडाउन बढ़ना लगभग तय है. संभवतः इसे 30 अप्रैल तक बढ़ाया जा सकता है. कॉन्फ्रेंस के दौरान पीएम ने चेहरे पर अपने गमछे को मास्क के रूप में पहने नजर आए. अब

कॉन्फ्रेंस के दौरान महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे ने जहां लॉकडाउन बढ़ाने की बात कही है वहीं दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल और पंजाब के मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह ने भी इसे आगे बढ़ाने की मांग की है. फिलहाल यह कॉन्फ्रेंस जारी है.

अरविंद केजरीवाल ने कहा है कि दिल्ली में लॉकडाउन बढ़ाने की जरूरत है. वहीं पंजाब के मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह ने कहा कि लॉकडाउन बढ़ाया जाना चाहिए लेकिए इंजस्ट्रीज और किसानों को राहत दी जानी चाहिए.

अगर लॉकडाउन पर फैसला होता है तो माना जा रहा है कि औपचारिक रूप से प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी शनिवार की शाम इसकी घोषणा कर सकते हैं. फिलहाल 14 अप्रैल तक लॉकडाउन है. माना जा रहा है कि डेढ़ से दो सप्ताह के लिए लॉकडाउन बढ़ाया जा सकता है. इस बीच कुछ क्षेत्रों में सख्ती होगी.

देश में पिछले 4-5 दिनों में कोरोना वायरस का संक्रमण बढ़ा है ऐसे में जहां कुछ राज्यों के जिलों में स्थिति सुधरी है वहीं कुछ में यह और खराब हुई है. कुछ ऐसे क्षेत्रों में भी कोरोना मरीज आ रहे हैं जहां अब तक सबकुछ नियंत्रित दिख रहा था. कुछ राज्यों में तो मुख्यमंत्री ही कम्युनिटी ट्रांसमिशन की आशंका जता रहे हैं. जाहिर है कि यह भारत के लिए नाजुक दौर है. ऐसे में शनिवार को प्रधानमंत्री के साथ मुख्यमंत्रियों की होने वाली वीडियो कांफ्रेसिंग बहुत अहम है.

दरअसल पिछली बैठक में प्रधानमंत्री ने सभी मुख्यमंत्रियों से लॉकडाउन से बाहर आने के रास्तों पर सुझाव मांगा था. उस वक्त तक लग रहा था कि 14 अप्रैल के बाद धीरे धीरे चरणबद्ध तरीके से इससे बाहर आया जा सकता है. लेकिन दो दिनों में जिस तरह ओडिशा और फिर पंजाब ने खुद ही लॉकडाउन बढ़ाने का फैसला कर लिया है. मुंबई दिल्ली समेत बड़े शहरों में संख्या बढ़ रही है. कुछ दिनों पहले तक लगभग कोरोना मुक्त उत्तर पूर्व भी में कोरोना पाजिटिव मरीज आ रहे हैं. बिहार में एकबारगी दो दर्जन मरीज सामने आए हैं. ऐसे में यह मानकर चला जा रहा है कि शनिवार को सुबह 11 बजे होने वाली बैठक में शायद ही कोई मुख्यमंत्री लॉकडाउन हटाने की बात करे.

ध्यान रहे कि दो दिन पहले सर्वदलीय बैठक मे विपक्षी नेताओं ने भी प्रधानमंत्री के लॉकडाउन के फैसले से एकजुटता जताई थी और आगे का फैसले पर भी एकमत रहने का भरोसा दिया था. यह मानकर चला जा रहा है कि संभवतः शनिवार की शाम ही प्रधानमंत्री फिर से देश को संबोधित कर सकते हैं. पूरे देश के मत को सामने रखते हुए बता सकते हैं कि लॉकडाउन के कारण भारत कोरोना की गति को थामने मे कामयाब रहा है. अब उसे पूरी तरह रोकने की लड़ाई बाकी है.

केंद्र सरकार की ओर से पहले ही घोषणा की जा चुकी है कि इस महामारी से लड़ने के लिए केंद्र पूरा वित्तीय भार अपने ऊपर लेगा. शुक्रवार को भी प्रधानमंत्री कार्यालय के प्रधान सचिव पीके मिश्रा की अध्यक्षता में पूरी तैयारी की समीक्षा की गई. पीपीइ और दूसरी जरूरी सामग्री की उपलब्धता का निर्देश दिया गया. इसके साथ ही गरीबों के लिए चलाई रही योजनाओं की भी समीक्षा हुई.

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