पश्चिम बंगाल

ममता के करीबी मंत्री को सीबीआई ने किया गिरफ्तार, इस वजह से हुई गिरफ्तारी

डेस्क: पश्चिम बंगाल विधानसभा चुनाव में जीत हासिल करने के बाद तृणमूल कांग्रेस सत्ता में आई। इसी के साथ लगातार तीसरी बार राज्य में ममता बनर्जी की सरकार बनी। ममता सरकार में तीसरी बार मंत्री बने फिरहाद हकीम हकीम को आज सुबह सीबीआई ने गिरफ्तार कर लिया।

गिरफ्तारी को लेकर फिरहाद हकीम ने सीबीआई पर आरोप लगाया कि उन्हें उचित मंजूरी के बिना ही गिरफ्तार किया जा रहा है।

आपको बता दें कि पश्चिम बंगाल के राज्यपाल जगदीप धनखड़ ने फिरहाद हकीम के अलावा तीन अन्य राज्य मंत्री सुब्रत मुखर्जी, मदन मित्रा और सोभन चटर्जी के खिलाफ भी सीबीआई जांच की मंजूरी दी थी।

दरअसल विधायकों के खिलाफ किसी भी प्रकार के मुकदमे के लिए राज्य विधान सभा के अध्यक्ष से मंजूरी लेनी होती है। लेकिन इस मामले में सीबीआई ने विधानसभा के अध्यक्ष सेना मंजूरी लेते हुए सीधा राज्यपाल से संपर्क किया।

जिन मंत्रियों के खिलाफ सीबीआई जांच की मंजूरी दी गई है उनके नारदा कांड से जुड़े होने की बात सामने आ रही है।

जब पिछली ममता सरकार में यह चारों मंत्री बने थे, तब 2014 में एक टेप जारी किया गया था जिसमें यह मंत्री कैमरे के सामने रिश्वत लेते हुए दिखाए गए थे।

यह स्टिंग ऑपरेशन नारद न्यूज़ पोर्टल द्वारा किया गया था। ऑपरेशन में दिल्ली से कोलकाता आए एक पत्रकार ने खुद को एक व्यापारी के तौर पर पेश किया।

उस रिपोर्टर ने तृणमूल के सात सांसदों, चार मंत्रियों, एक विधायक और एक पुलिस अधिकारी को रिश्वत के तौर पर नकद राशि दी और इन सभी को कैमरे में रिकॉर्ड कर लिया।

2016 के विधानसभा चुनाव के ठीक पहले इस टेप को जारी किया गया। जिसके बाद तृणमूल के मंत्रियों के ऊपर कार्यवाही की गई।

नंदीग्राम सीट से भाजपा के विधायक सुवेंदु अधिकारी, जो नारदा स्टिंग ऑपरेशन के दौरान तृणमूल कांग्रेस के सांसद रह चुके हैं, के खिलाफ लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला ने अभी तक मुकदमा चलाने की मंजूरी नहीं दी।

इसी के साथ नारदा मामले में मुकुल रॉय का नाम भी सामने आ रहा था लेकिन उनके खिलाफ कोई कार्यवाही नहीं हुई क्योंकि टेप में वह रिश्वत लेते नहीं दिखे।

editor

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button