कर्नाटक में फ्री की योजनाओं को लागू करने में छूट रहे कांग्रेस के पसीने
डेस्क: कर्नाटक विधानसभा चुनाव से पहले कांग्रेस ने अपने चुनावी वादों में 5 फ्री योजनाओं को लागू करने का ऐलान किया था। लेकिन अब उन्हें लागू करने में कर्नाटक सरकार के पसीने छूट रहे हैं। बता दें कि 1 महीने से भी अधिक का समय बीत जाने के बाद अब तक 5 में से केवल 2 योजनाओं को ही लागू किया गया है। कर्नाटक सरकार अब इस मुद्दे पर भी बात करने से बचती हुई नजर आ रही है।
11 जून को कर्नाटक सरकार ने पूरे तामझाम के साथ महिलाओं को फ्री में बस की सेवा मुहैया कराने के लिए एक योजना लांच किया था। लेकिन इसके बुरे प्रभावों के बारे में सरकार ने सोचना जरूरी नहीं समझा जिसके बाद आए दिन बसों में इतनी संख्या में महिलाएं झड़ जाती हैं कि किसी के खड़े होने तक की जगह नहीं बचती। सभी महिलाएं आपस में ही सीट के लिए लड़ती झगड़ती रहती हैं। इस योजना से अब तक कर्नाटक सरकार को 210 करोड़ रुपए का नुकसान हो चुका है।
एक बस में 50 की जगह 150 लोग कर रहे यात्रा
सवा तीन करोड़ महिलाओं की जनसंख्या वाले राज्य में फ्री बस सेवा का लाभ उठाने के लिए महिला यात्रियों की भरमार से अन्य यात्रियों को परेशानी का सामना करना पड़ता है। 50 लोगों की क्षमता वाले वर्षों में अब 150 से ज्यादा लोग यात्रा कर रहे हैं। यहां तक कि ड्राइवर और कंडक्टर होगी यात्रा के दौरान काफी मशक्कत करनी पड़ती है। हालांकि कर्नाटक के परिवहन मंत्री रामलिंगा रेड्डी ने कर्नाटक में कांग्रेस का पक्ष रखते हुए कहा कि कुछ समय में हालात सामान्य हो जाएंगे।
फ्री बस सेवा कि इस योजना का उल्टा प्रभाव राज्य के ऑटो रिक्शा चालकों पर देखने को मिल रही है। कांग्रेस की सरकार आने से पहले महिलाएं सबसे ज्यादा ऑटो रिक्शा में सफर किया करती थी। लेकिन अब फ्री स्कीम का लाभ उठाने के लिए महिलाएं बस में जाना पसंद कर रही है जिस वजह से ऑटो स्टैंड खाली रह जाते हैं। इस पर पूर्व मुख्यमंत्री बसवराज बोम्मई ने आरोप लगाते हुए कहा कि वाहवाही लूटने के लिए बिना सोचे समझे कांग्रेस ने स्कीम तो लॉन्च कर दी लेकिन इसके नतीजों के बारे में नहीं सोचा
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