अंतरराष्ट्रीय

आखिरकार कोरोना का तोड़ मिल ही गया

अमेरिकी वैज्ञानिक इबोला की दवा रेमडेसिविर को कोरोना से लड़ने का कारगर हथि'यार बता रहे हैं

डेस्क: कोरोना वायरस महा’मारी से इस समय दुनिया के 200 अधिक देश जूझ रहे हैं. पिछले साल चीन से पैदा हुई इस महा’मारी ने 2 लाख 28 हजार से ज्‍यादा लोगों को मौ’त की नींद सुला दिया है। पूरे विश्व के वैज्ञानिक दिन-रात एक करके इस महा’मारी का तोड़ ढूंढ़ने में लगे हुए हैं, लेकिन अभी तक सिर्फ इसपर रिसर्च जारी है.

खबरों के मुताबिक अमेरिकी वैज्ञानिकों ने एक ऐसी खबर दी है, जिसके बाद यह कहा जा रहा है कि कोरोना वायरस को खात्‍मा करने के लिए एक संजीवनी मिल गई है.

अमेरिकी वैज्ञानिक इबोला की दवा रेमडेसिविर को कोरोना से लड़ने का कारगर हथियार बता रहे हैं, इस दवा के बारे में जानकारी देते हुए अमेरिकी राष्‍ट्रपति डोनाल्‍ड ट्रंप के सलाहकार डॉक्‍टर एंथनी फाउसी ने कहा, ‘रेमडेसिविर दवा का मरीजों के ठीक हो रहे हैं.

खबरों के मुताबिक रेमडेसिविर दवा का प्रभावी और सकारात्‍मक प्रभाव मिल रहे हैं. इस दवा का अमेरिका, यूरोप और एशिया के 68 स्‍थानों पर 1063 लोगों पर ट्रायल किया गया है. इस ट्रायल के दौरान यह पता चला कि ‘रेमडेसिविर दवा इस वायरस को रोक सकती है.’

हालांकि इससे पहले रेमडेसिविर दवा इबोला के ट्रायल के दौरान फेल हो गई थी. WHO ने बताया था कि वुहान में इस दवा का मरीजों पर सीमित असर पड़ा था, लेकिन कोई ज्‍यादा प्रभाव देखने को नहीं मिला है. डॉक्‍टर फॉउसी की इस घोषणा के बाद अमेरिका समेत उन देशों में थोड़ी राहत जरूर मिली है, जो कोरोना महा’मारी से सबसे ज्‍यादा जूझ रहे हैं.

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