रक्षा बंधन के दिन बहनें कर देती हैं यह गलतियां इसलिए भाई हो जाते हैं बर्बाद, भूल से भी न करें यह काम
डेस्क: रक्षा बंधन, वह दिन जो भाई और बहन के बीच के खूबसूरत बंधन को और मजबूत करता है। हर साल श्रावण महीने की पूर्णिमा के दिन मनाया जाता है। इस वर्ष यह पर्व दो दिन 11 अगस्त और 12 अगस्त को मनाया जाएगा।
द्रिकपंचांग के अनुसार अपने भाई की कलाई पर राखी बांधने का सबसे अच्छा समय 11 अगस्त को रात 08:51 बजे से 09:13 बजे तक होगा। 12 अगस्त को सुबह 07:16 बजे तक भाई को राखी बंधा जा सकता है।
रक्षा बंधन का देश भर के सभी भाई-बहन बेसब्री से प्रतीक्षा करते हैं। इस दिन बहनें अपने भाई की कलाई पर राखी बांधती हैं और उनकी लंबी उम्र की प्रार्थना करती हैं। भाई भी अपनी बहन की रक्षा करने का संकल्प लेते हैं। बहनें अक्षत, रोली, चंदन, मिठाई, राखी और दीया के साथ एक विशेष थाली तैयार करती हैं।
इस दिन बहनें सुबह जल्दी उठ जाती हैं और घर की सफाई कर त्योहार की तैयारियां करने लगती हैं। सभी आवश्यक सामग्री के साथ एक पूजा थाली तैयार की जाती है और एक दीया जलाया जाता है। विवाहित बहनें आमतौर पर रक्षा बंधन की रस्मों को करने के लिए अपने भाई के घर जाती हैं।
रक्षा बंधन पर राखी बांधने का सबसे अच्छा समय अपराह्न के दौरान होता है। अर्थात दोपहर के बाद का समय राखी बाँधने के लिए सबसे अच्छा होता है। राखी बांधने के बाद आरती की जाती है जिसमें बड़ी बहन को अपने छोटे भाइयों को आशीर्वाद देना चाहिए जबकि छोटी बहन अपने बड़े भाइयों का आशीर्वाद ले सकती है।
रक्षा बंधन के दिन न करें यह गलतियाँ
रक्षा बंधन के दिन कई बहनें कुछ ऐसी गलतियां कर देती हैं जिस वजह से उनके भाइयों को परेशानियों का सामना करना पड़ जाता है। इस रक्षा बंधन में आप उन गलतियों को न दोहराएं इसके लिए इन बातों का ध्यान रखें :
राखी बाँधने के लिए अपने भाई को पूर्व दिशा की ओर मुंह करके बिठाएं। गलती से भी पश्चिम अथवा दक्षिण की और मुँह करके अपने भाई को न बिठाएं। अपने भाई के माथे पर तिलक लगाने के बाद उनकी लंबी उम्र की कामना करते हुए उनकी दाहिनी कलाई पर राखी बांधें।
राखी बंधवाने के बाद भाई अपनी बहनों को उपहार देते हैं। यदि उपहार न हो तो भाई अपनी बहन को कुछ द्रव्य (रुपया) भी दे सकते हैं। लेकिन ध्यान रहे कि यह द्रव्य विषम संख्या में हो जैसे 101/- या 201/- रुपये।
भद्रा नक्षत्र के दौरान रक्षा बंधन की रस्में नहीं करनी चाहिए। भद्रा एक द्वेषपूर्ण समय है जिसे द्रिकपंचांग के अनुसार सभी शुभ कार्यों के लिए टाला जाना चाहिए। हमेशा भद्रा नक्षत्र के बीत जाने पर ही राखी बांधनी चाहिए।
यदि संभव हो तो रक्षा बंधन की रस्में सोफे या कुर्सी पर बैठकर न करें। परंपरा के अनुसार भाई को लकड़ी की चौकी पर बैठा कर ही राखी बांधनी चाहिए। लेकिन यदि लकड़ी की चौकी उपलब्ध न हो तो जमीन पर आसन बिछाकर भाई को बैठाएं और उसे राखी बांधें।