फल बेचने वाले हरकेला हजब्बा को इस वजह से मिला पद्मश्री पुरस्कार, नंगे पैर पहुंचे राष्ट्रपति भवन
डेस्क: 8 नवंबर के दिन भारतीय राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने कई लोगों को राष्ट्रपति भवन में भारत के चौथे सबसे बड़े नागरिक सम्मान पद्मश्री पुरस्कार से सम्मानित किया। इन्हीं में से एक थे मंगलुरू के हरकेला हजब्बा। बता दें कि वह एक नारंगी विक्रेता है जो सड़क पर टोकरी में भरकर नारंगी बेचते हैं। उन्होंने अपने गांव में स्कूल का निर्माण करके शिक्षा में क्रांति लाने का एक प्रयास किया था।
गांव के बच्चों को शिक्षित करने के लिए स्कूल बनाने और लोगों मैं शिक्षा के प्रति जागरूकता फैलाने के लिए राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने उन्हें प्रतिष्ठित किया। आज हजब्बा द्वारा बनाए गए स्कूल में गांव के 175 बच्चे पढ़ने आते हैं। वह चाहते हैं कि उनके गांव का हर बच्चा पढ़े और खूब आगे बढ़े। शिक्षा के महत्व को समझते हुए उन्होंने गांव में अपने खर्चे पर विद्यालय की शुरुआत की।
Harekala Hajabba, a fruit-vendor from Karnataka's Mangaluru, who built a school in his village from his earnings, was conferred with the Padma Shri award today pic.twitter.com/t0lOdiOQpd
— ANI (@ANI) November 8, 2021
इस वजह से गांव में बनाया स्कूल
उन्होंने बताया कि गांव के प्रत्येक बच्चे को शिक्षित बनाने का ख्याल उनके दिमाग में तब आया जब वह रोड पर नारंगी बेच रहे थे और एक विदेशी ने उनसे कुछ पूछा तो वह जवाब देने में असफल रहे। उन्हें कन्नड़ के अलावा कोई दूसरा भाषा नहीं आता था। इस वजह से वह उदास हुए क्योंकि वह विदेशी की मदद नहीं कर सके। तभी उन्होंने अपने मन में ठाना कि वह अपने गांव के सभी बच्चों को पढ़ा लिखा कर शिक्षित बनाएंगे ताकि वह दूसरों की मदद कर सकें।
President Kovind presents Padma Shri to Shri Harekala Hajabba for Social Work. An orange vendor in Mangalore, Karnataka, he saved money from his vendor business to build a school in his village. pic.twitter.com/fPrmq0VMQv
— President of India (@rashtrapatibhvn) November 8, 2021
कई बार हो चुके हैं सम्मानित
उनके इस काम के कारण उन्हें कई बार सम्मानित भी किया जा चुका है साल 2004 में एक कन्नड़ अखबार द्वारा उन्हें “पर्सन ऑफ द ईयर” का खिताब दिया गया था। इसके बाद साल 2009 में सीएनएन और आईबीएन द्वारा हरकेला को “रियल हीरोज” पुरस्कार से सम्मानित किया गया था। अब उन्हें भारत सरकार ने पद्मश्री सम्मान से सम्मानित किया है।