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एक मिडिल क्लास परिवार की लड़की ने बताया बेटियां बेटों से कम नहीं, ऐसे बनी 6000 करोड़ की कंपनी की मालिक

डेस्क: आज के समय में बेटियां किसी भी मायने में बेटों से कम नहीं है। चाहे बात आईएएस या आईपीएस अफसर बनने की हो या किसी कंपनी में ऊंचे पद पर पहुंचकर कंपनी को संभालने की हो। हर क्षेत्र में ही लड़कियों ने लड़कों की बराबरी कर ली है। यहां तक की बिजनेस में भी अब लड़कियां पीछे नहीं रही है। खासकर दुनियाभर में भारतीय महिलाओं ने एक अलग मुकाम हासिल किया है।

अपने दम पर बनीं एमक्योर की CEO

आज हम आपको एक ऐसी लड़की के बारे में बताएंगे जो अपने आइडिया और मेहनत के दम पर आज 6000 करोड़ की कंपनी की कार्यकारी निदेशक बन चुकी है। नमिता थापर एक ऐसी भारतीय व्यवसाई महिला है जिनकी सफलता का मिसाल आज घर-घर में दिया जाता है। वर्तमान में वह एमक्योर फार्मास्युटिकल्स की CEO है। भारत में नए कंपनियों को फंडिंग देने के लिए शुरू की गई रियलिटी शो शार्क टैंक की भी वह जज रह चुकी है।

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अमेरिका से किया MBA

नमिता थापर का जन्म 21 मार्च 1977 को महाराष्ट्र के पुणे में हुआ था। उन्होंने अपनी प्रारंभिक शिक्षा पुणे के ही एक स्कूल से प्राप्त की। इसके बाद उन्होंने चार्टर्ड अकाउंटेंट की पढ़ाई की। शुरू से ही नमिता बिजनेस करना चाहती थी। उनका हमेशा से ही सपना था कि वह एक सफल बिजनेस वूमन बने। इसलिए उन्हें आगे एमबीए पढ़ने का मन था। उनके माता-पिता ने हमेशा इसके लिए उनका सपोर्ट किया। नमिता एमबीए की पढ़ाई करने के लिए ड्यूक यूनिवर्सिटी के शुक्रिया स्कूल ऑफ बिजनेस गई।

अमेरिका में 6 साल काम करके बढ़ाया एक्सपीरियंस

इस बीच उनकी शादी भी हो गई लेकिन उन्होंने हार नहीं मानी और अपना पढ़ाई जारी रखा। एमबीए की पढ़ाई के दौरान अमेरिका में उन्होंने 6 सालों तक गाइडेंस कॉरपोरेशन में वित्त और विपणन का काम किया। वहां से वह काफी अनुभव के साथ भारत लौट आई आज के समय में नमिता थापर विश्व की सबसे बड़ी दवा कंपनियों में से एक एमक्योर फार्मास्युटिकल्स की कार्यकारी निदेशक हैं।

एमक्योर को बनाया 6000 करोड़ की कंपनी

साल 2007 में एमक्योर से जुड़ने के बाद नमिता ने अपने आइडिया और एक्सपीरियंस से इस कंपनी को 6000 करोड़ की कंपनी बना दिया। इतनी सफलता प्राप्त करने के कारण उन्हें कई सामानों से भी सम्मानित किया जा चुका है। 2017 में इकोनामिक टाइम्स ने भी उन्हें सम्मानित किया था। सही मायनों में नमिता था पर आज किसी भी मायने में पुरुषों से कम नहीं है ऐसा उनके परिवार वालों का कहना है।

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