ICSE व ISC के परीक्षार्थियों को मिला गोल्डेन ऑफर, बिना परीक्षा दिये भी मिलेंगे अच्छे नंबर

डेस्क: काउंसिल फॉर द इंडियन स्कूल सर्टिफिकेट एग्जामिनेशन की ओर से प्रेस विज्ञप्ति जारी करके बताया गया है कि आइसीएसई और आइएससी की बाकी बची परीक्षाओं को देना या न देना अब विद्यार्थियों पर निर्भर करता है. विद्यार्थियों के सामने इसका विकल्प रखा गया है. काउंसिल के चीफ एग्जीक्यूटिव और सचिव जेरी आराथून ने प्रेस विज्ञप्ति जारी करके बताया है कि इस संबंध में उन्होंने एक फैसला लिया है और बॉम्बे हाईकोर्ट के पास इसे जमा भी किया है. इसके तहत जुलाई महीने में होने वाली आइसीएसई और आइएससी की बाकी बची परीक्षाओं को कोई विद्यार्थी दे सकता है या फिर स्कूल के इंटर्नल असेसमेंट/प्री बोर्ड परीक्षाओं में हासिल नंबरों के आधार पर बोर्ड के रिजल्ट में नंबर दिये जायेंगे. बोर्ड की जिन विषयों की परीक्षाएं हो चुकी हैं उनके नंबर बोर्ड की परीक्षाओं के मुताबिक होंगे. विद्यार्थियों को अपने फैसले की जानकारी अपने स्कूलों को देनी होगी, जो आगे काउंसिल में बतायेंगे. स्कूलों को 22 जून के भीतर काउंसिल को विद्यार्थियों के फैसले की जानकारी देनी होगी.
विद्यार्थी अगर बाद में अपना फैसला बदलना चाहे तो वह परीक्षा के पहले ऐसा कर सकता है, बशर्ते स्कूल इसकी जानकारी काउंसिल को परीक्षा के पहले दे दे. यदि किसी कारणवश बाकी बची कोई भी परीक्षा (आइसीएसई और आइएससी की) नहीं होती है तो काउंसिल बाकी बचे विषयों के अंक काउंसिल, स्कूल के इंटर्नल असेस्मेंट/ प्री बोर्ड परीक्षा के आधार पर देगा. हालांकि विद्यार्थी विषय आधारित चुनाव नहीं कर सकता. यानी ऐसा नहीं हो सकता कि कुछ बाकी विषयों की वह परीक्षा दे और कुछ की नहीं.
विद्यार्थियों और उनके अभिभावकों को विकल्पों के संबंध में जानकारी स्कूल के प्रिंसिपल को जल्द से जल्द देनी होगी, ताकि स्कूल इस संबंध में काउंसिल को बता सके. स्कूलों को इसकी जानकारी काउंसिल को 22 जून को दोपहर 12 बजे तक देना है. इस संबंध में एक जनहित याचिका पर सुनवाई बॉम्बे हाइकोर्ट में चल रही है जिसकी अगली सुनवाई बुधवार यानी 17 जून को होगी.