पश्चिम बंगाल

कोलकाता के अस्पताल में अचानक रुपए बांटने लगा भिखारी

डेस्क: कोलकाता के एक अस्पताल में एक अद्भुत नजारा देखने को मिला. यहां एक भिखारी के अस्पताल परिसर में प्रवेश करते ही वहां मौजूद लोगों के होश उड़ गए. वह भिखारी अपने हाथों में नोटों के बंडल लिए हुए था और धीरे-धीरे अस्पताल में मौजूद मरीज के परिजनों के लिए बैठने की जगह की तरफ बढ़ रहा था.

इसी बीच उसके सामने जो भी आ रहा था, उसे वह उस नोटों के बंडल से रुपए निकाल कर दे दे रहा था, किसी को ₹100 के नोट तो किसी को 50 रुपये के नोट, यहां तक कि किसी को ₹500 के नोट भी पकड़ा रहा था और एक भिखारी से रुपए लेते लोग तनिक भी हिचकिचा नहीं रहे थे.

यहां तक कि कुछ लोगों को भिखारी को घेरते हुए भी देखा गया. हालांकि वह अपनी मर्जी का मालिक था, उसे जो पसंद नहीं आता उसके मांगने पर भी उसे रुपए वह नहीं दे रहा था, बल्कि वह अपने से जाकर कुछ मरीज के परिजनों के पास उन्हें रुपए पकड़ा रहा था. ऐसे में लोगों के मन में यह जिज्ञासा भी उठ रही थी कि आखिर इस भिखारी के पास इतने रुपए आए कहां से और यह लोगों में क्यों बांट रहा है. खैर, इसी तरह कुछ रुपए बांटने के बाद वह अस्पताल परिसर से बाहर चला गया.

यह नजारा उत्तर कोलकाता के आरजी कर मेडिकल कॉलेज में शुक्रवार सुबह देखने को मिला. भिखारी के अस्पताल के बाहर निकल जाने के बाद वे लोग काफी खुश दिखे, जिन्हें भिखारी ने रुपए दिए थे और वह बंदा ज्यादा ही प्रसन्न था, जिसे भिखारी ने 500 के नोट पकड़ा दिए थे. हालांकि उनकी खुशी अधिक देर तक नहीं ठहरी. उन लोगों के रोंगटे तब खड़े खड़े हो गये, जब कुछ देर बाद वह भिखारी पुलिसवालों के साथ पहुंचा. पुलिस वाले उस भिखारी से लोगों को पहचानने के लिए कह रहे थे, जिन्होंने उनसे रुपए लिए थे और वह एक एक कर उन लोगों को चिन्हित कर बता भी रहा था. ऐसे में पुलिसवालों के डंडे को देख जिन लोगों ने रुपए लिए थे वह लौटाने लगे.

Bhikhari

कुछ तो इस इंतजार में भी थे और नजरें छुपा चुरा रहे थे कि शायद वह भिखारी उसे ना पहचान सके, लेकिन वह एक-एक कर सब को इशारे से बता कर रुपए वापस दिलवा रहा था. ऐसे में लोगों का आश्चर्य और रहस्य और गहराता जा रहा था कि आखिर माजरा क्या है कि पहले यह भिखारी रुपए बांटा, फिर कुछ देर बाद पुलिस के साथ आकर रुपए वापस ले रहा है. तो पता चला कि भिखारी जो रुपए बांट रहा था वह किसी मरीज के परिजन के थे, जो अस्पताल के बाहर उसकी पॉकेट से गिर गया था, जो उस भिखारी के हाथ लग गया और वह भिखारी मानसिक रूप से असंतुलित होने के कारण अस्पताल में मौजूद परिजनों में रुपए बांटने लगा था.

आधे रुपए तो उसने अस्पताल में बांट दिए थे और बाहर जाकर भी कुछ रुपए बांटने लगा था. इधर जिस व्यक्ति के रुपए गिरे थे वह थाने पहुंचा था. इसके बाद पुलिसकर्मी उस व्यक्ति के साथ अस्पताल परिसर में पहुंचे थे और उससे पूछा गया कि वह कहां कहां से गुजरा था. इसी दौरान पुलिसवालों की नजर उस भिखारी पर पड़ी तू तो सारा माजरा समझ में आ गया. इसके बाद पुलिसवालों ने उस भिखारी को अपने साथ लेकर सभी लोगों को चिन्हित करने को कहा, जिन लोगों को उसने रुपए बांटे थे.

ऐसे में भिखारी के पास मौजूद रुपए और भिखारी द्वारा बताए गए लोगों से एकत्रित किए गए रुपए को मिला कर जिस व्यक्ति के रुपए गिरे थे उसे लौटाए गए. हालांकि कुछ लोग उस भिखारी द्वारा दिए गए रुपए चट करने में भी सफल हुए, क्योंकि कुल रुपए में से ₹2000 वापस नहीं मिले. यानी कि जिन लोगों ने यह ₹2000 लिये, वह पुलिस और भिखारी की नजरों से गायब होने में सफल हुए.

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