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लाल किले पर धार्मिक झंडा लगाने वाले आरोपी के परिवार का आया बयान, जानिए उन्होंने क्या कहा

26 जनवरी गणतंत्र दिवस के अवसर पर किसानों द्वारा ट्रैक्टर रैली निकाला जाना था. उनका दावा था कि यह रैली शांतिपूर्वक होगी. इसमें किसी प्रकार के भड़काऊ भाषण नहीं दिए जाएंगे. लेकिन देखते ही देखते किसानों का उत्पात शुरू हो गया.

इसी बीच यह भी देखा गया कि एक किसान ने राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली में लाल किले पर धार्मिक झंडा फहरा दिया. जब आरोपी के परिवार से बात की गई तो उसके परिवार वालों ने कहा कि वह निर्दोष है, क्योंकि वह अपने साथी वह अपने साथी प्रदर्शनकारी के कहने के बाद झंडे के खंभे पर चढ़ा था.

आरोपी के दादाजी मेहल सिंह ने बताया कि उनका पोता जुगराज केंद्र सरकार के तीन कृषि कानूनों का विरोध करने अन्य किसानों के समूह के साथ रैली में शामिल होने के लिए दिल्ली गया था. उनका कहना है कि लाल किले पर राष्ट्रीय ध्वज को हटाकर सिख धर्म का प्रतीक ‘निशान साहिब’ लगाने की जुगराज की कोई मंशा नहीं थी.

उनके अनुसार जब जुगराज के साथ ही प्रदर्शनकारी ने उससे राष्ट्रीय ध्वज के खंभे पर चढ़कर धार्मिक झंडा लगाने के लिए कहा क्योंकि इससे पहले आज तक ऐसा कोई नहीं कर सका था, तो जुगराज धार्मिक झंडा लगाने के लिए तैयार हो गया. उसके दादा जी का कहना है कि उनका पोता निर्दोष है. उन्होंने आशंका जताई कि जुगराज को पकड़ने के लिए पुलिस अब उनके घर पर छापामारी करेगी.

आपको बता दें कि हाथ में लाठी तिरंगा और यूनियन का झंडा लेकर हजारों किसान 26 जनवरी के दिन ट्रैक्टर पर सवार होकर अलग-अलग जगहों पर बैरिकेड को तोड़ते हुए, राजधानी दिल्ली में प्रवेश कर गए और जमकर उत्पात मचाया.

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