पश्चिम बंगाल

ममता बनर्जी को कोलकाता हाई कोर्ट की फटकार, गलत साबित हुआ मुख्यमंत्री का दावा

 

डेस्क: पश्चिम बंगाल विधानसभा चुनाव के बाद चुनाव के परिणाम की घोषणा के बाद से ही पश्चिम बंगाल में एक के बाद एक हिंसा के कई मामले सामने आने लगे। राज्य में घटने वाले इंसानों का आरोप सीधा सीधा तृणमूल कांग्रेस के ऊपर लगाया जाने लगा।

हालांकि तृणमूल कांग्रेस की सुप्रीमो ममता बनर्जी ने इस तरह के आरोपों को नकारते हुए कहा था कि छोटी-मोटी घटनाओं के अलावा बंगाल में राजनीतिक हिंसा की कोई वारदात नहीं हो रही है। उनका कहना है कि यह तृणमूल कांग्रेस को बदनाम करने के लिए भाजपा की एक कोशिश है।

साथ ही उन्होंने केंद्र पर तंज कसते हुए कहा कि उनकी आंखों में पीलिया हो गई है। ममता बनर्जी के अनुसार जिस प्रकार पीलिया होने पर सब कुछ पीला दिखता है उसी तरह से केंद्र सरकार के लोगों को बंगाल में हर तरफ से देख रखी है।

लेकिन कोलकाता हाई कोर्ट में 5 जजों की पीठ ने ममता सरकार के इस दावे को झूठा साबित करते हुए ममता बनर्जी को फटकार लगाई। साथ ही उन्होंने निर्देश दिया कि राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग एक समिति का गठन कर बंगाल में जांच करने के लिए जाए।

ऐसे में सोचने वाली बात है कि आखिर पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ने पहले राज्य में हुए हिंसा को मानने से इंकार क्यों किया। बता दें कि बंगाल सरकार ने हाई कोर्ट के द्वारा लिए गए निर्देश पर पुनर्विचार करने की मांग की थी। लेकिन बंगाल सरकार द्वारा दायर की गई याचिका को खारिज कर दिया गया।

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