अंतरराष्ट्रीय

चाइनीज ऐप्स पर बैन लगाने के बाद अब चीन को ऐसे घेरा भारत ने

डेस्क: भारतीय सीमा में चीनी सेना के घुसपैठ की कोशिश को भारत किसी भी हाल में बर्दाश्त नहीं करेगा. ऐसे में सीधे युद्ध की स्थिति भी न बने और हम चीन को मात भी दे दें. कुछ इसी रणनीति पर मोदी सरकार काम कर रही है. आर्थिक मोर्चे पर चीन को कमजोर करने के लिए एक के बाद एक चाल चली जा रही है.

वहीं अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर चीन के निजी मसलों को उछाल कर चीन के अंदर ही तनाव की स्थिति पैदा करने की कोशिश हो रही है.
चीन जहां भारत के पड़ोसी देशों को भड़का कर हमें उलझाना चाह रहा है. वहीं भारत भी उसे उसी के घर में घेरने की तैयारी में हैं. चीन की दुखती रग पर दबाते हुए भारत ने बुधवार को संयुक्त राष्ट्र मानवाधिकारपरिषद में चीन के नए सुरक्षा कानून का मुद्दा उठाया.

हॉन्ग कॉन्ग में 2019 से शुरू हुए विरोध प्रदर्शनों के बाद भारत ने पहली बार इस मसले पर अपना पक्ष रखते हुए कहा कि हालिया घटनाक्रमों पर उसकी नज़र है और संबंधित पक्षों को चिंता का निष्पक्षता से समाधान करना चाहिए. यह कानून हॉन्ग कॉन्ग पर चीन को ज़्यादा अधिकार देता है.

भारत का यह बयान अमेरिकी विदेश मंत्री माइक पोम्पियो के बयान वाले दिन ही आया है जिसमें उन्होंने भारत में चीनी ऐप्स पर बैन का समर्थन किया था. पोम्पियो ने कहा था कि कि भारत का क्लीन ऐप नजरिये से उसकी संप्रभुता, अखंडता और राष्ट्रीय सुरक्षा मजबूत होगी.

जिनेवा में संयुक्त राष्ट्र में भारत के स्थायी प्रतिनिधि राजीव चंदर ने कहा, ‘हम हाल की इन घटनाओं पर चिंता जताने वाले कई बयान सुन चुके हैं. हमें उम्मीद है कि संबंधित पक्ष इन बातों का ध्यान रखेंगे और इसका उचित, गंभीर और निष्पक्ष समाधान करेंगे.’

सूत्रों के अनुसार, अमेरिका चाहता है कि भारत हॉन्ग कॉन्ग के मुद्दे पर चीन पर बोले. हॉन्ग कॉन्ग में चीन के नए कानून में वहां के लोगों के मानवाधिकार उल्लंघन की बात कही जा रही है. Quad (भारत, अमेरिका, जापान और ऑस्ट्रेलिया का समूह) राष्ट्रों में केवल भारत ही एक ऐसा देश है जिसने हॉन्ग कॉन्ग के मुद्दे पर अभीतक कुछ नहीं बोला है.

ऑस्ट्रेलिया, अमेरिका, ब्रिटेन और कनाडा ने चीन के नए कानून की आलोचना की है. जापान ने भी फ्री और खुले हॉन्ग कॉन्ग का समर्थन किया है.
संयुक्त राष्ट्र मानवाधिकारपरिषद में 27 देशों ने चीन से हॉन्ग कॉन्ग में लागू किए गए नए कानून पर फिर से विचार करने को कहा है.

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button