धार्मिक

1996 में भी हुआ था ज्ञानवापी का सर्वे, मिले थे इन देवताओं के मंदिर, नहीं दी गई थी वजू खाने की चाभी

 

डेस्क: यह पहली बार नहीं था जब ज्ञानवापी में सर्वे किया गया हो। 26 साल पहले भी ऐसा ही एक सर्वे ज्ञानवापी में किया गया था। दावा किया जाता है कि उस दौरान भी मस्जिद के अंदर मंदिर के अवशेष बरामद हुए थे। इस बार के सर्वे में विवादित ढांचे के अंदर कई हिंदू प्रतीक मिले हैं साथ ही वजू खाने से 12 फीट लंबा शिवलिंग भी मिला है। 26 साल पहले हुए सर्वे में और भी कई बातें पता चली थी।

1 दिन के सर्वे में गौरी-गणेश मंदिर पता गया

30 जुलाई 1996 को ज्ञानवापी में किए गए 1 दिन के सर्वे में विवादित ढांचे की दीवारों पर प्राचीन काल की पुस्ती देखी गई। इसके अलावा पूरब में एक बड़ा चबूतरा और पश्चिम में मंदिर के भग्नावशेष पाए गए। इसके अलावा 1 दिन के सर्वे में गणेश और गौरी का मंदिर भी पाया गया। दक्षिण दिशा में स्थित चबूतरे के नीचे एक तहखाना भी पाया गया था जिसकी चाभी उस वक्त सर्वे के अधिकारियों को नहीं दी गई थी।

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परिसर में स्थित है हनुमान प्रतिमा व गंगेश्वर मंदिर

1996 में हिंदू पक्ष के तरफ से केस लड़ने वाले  वकील विजय शंकर रस्तोगी के अनुसार उस समय उन्हें मंदिर में स्थित शिवलिंग का पता नहीं चल सका था क्योंकि मस्जिद के अंदर जाने से उन्हें मना कर दिया गया था। तब किए गए सर्वे में ज्ञानवापी परिसर के पूरब की ओर हनुमान प्रतिमा, गंगा और गंगेश्वर मंदिर होने की पुष्टि की गई थी।

2019 में भी होने वाले थी सर्वे

इन्हीं तथ्यों के आधार पर 2019 में एक बार फिर मंदिर का सर्वे कराए जाने की मांग उठी। निचली अदालत ने एएसआई को रडार तकनीक से ज्ञानवापी परिसर के सर्वे का आदेश दे दिया था लेकिन बाद में उच्च न्यायालय ने निचली अदालत के इस आदेश को खारिज कर दिया था जिस वजह से वह सर्वे कभी नही हो पाई थी। लेकिन अब किए गए सर्वे में शिवलिंग के मिलने से ज्ञानवापी के मामले ने एक नया मोड़ ले लिया है।

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