पश्चिम बंगाल

टीएमसी के चारों नेताओं की गिरफ्तारी के बाद रात भर चला कार्यकर्ताओं का ड्रामा, प्रेसिडेंसी जेल के बाहर किया विरोध

डेस्क: 17 मई की सुबह तृणमूल के दो मंत्री एक विधायक और एक पूर्व सांसद की सीबीआई द्वारा गिरफ्तारी के बाद तृणमूल समर्थकों ने इसका खूब विरोध किया।

सीबीआई के चारों नेताओं को गिरफ्तार कर निजाम पैलेस में सीबीआई हेड क्वार्टर ले जाने के बाद तृणमूल समर्थक वहां पहुंच कर भी विरोध करने लगे। कई समर्थकों ने राजभवन जाकर भी धरना दिया।

केंद्रीय सुरक्षा बलों के ऊपर पत्थरों से हमले किए गए तथा बैरिकेड तोड़े गए। प्रदर्शनकारियों को शांत करने के लिए केंद्रीय सुरक्षा बल को लाठीचार्ज भी करना पड़ा।

बाद में गिरफ्तार किए गए चारों नेताओं को वर्चुअली सीबीआई कोर्ट में पेश किया गया जहां उन्हें ₹50,000 जुर्माने के साथ अंतरिम जमानत दे दी गई।

जमानत की खबर मिलते ही सारे समर्थक खुश होकर विरोध प्रदर्शन छोड़ अपने-अपने घर चले गए। लेकिन सीबीआई को यह फैसला रास ना आई। इसके बाद देर रात सीबीआई इस मामले को लेकर कलकत्ता हाईकोर्ट पहुंच गई।

कोलकाता हाई कोर्ट के मुख्य न्यायाधीश की अगुवाई में इन चारों नेताओं के जमानत पर रोक लगा दी गई। उन्हें 3 दिन के लिए हिरासत में भेजने का निर्देश दिया गया। अगली सुनवाई का दिन बुधवार 19 मई को चुना गया।

जैसे ही इस बात की खबर समर्थकों को मिली, वह विरोध प्रदर्शन के लिए सीबीआई कार्यालय के बाहर जमा हो गए। इस दौरान उन्होंने खूब नारेबाजी की।

सुरक्षा के बीच रात के लगभग 1:30 बजे चारों नेताओं को प्रेसीडेंसी जेल ले जाया गया। जेल के बाहर भारी संख्या में तृणमूल समर्थक इकट्ठा हो गए।

समर्थकों को इकट्ठा होते देख पुलिस ने पहले ही यहां बैरिकेडिंग कर दी तथा भारी संख्या में सुरक्षा बलों को तैनात कर दिया गया।

इस तरह नारदा स्टिंग ऑपरेशन मामले में गिरफ्तारी होने के बाद तृणमूल के चारों नेताओं को जेल ले जाया गया। उनके समर्थकों व कार्यकर्ताओं के प्रदर्शन का यह ड्रामा कोलकाता में रात भर चला।

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