राजनीति

राहुल गांधी ने केंद्र सरकार पर लगाए बड़े आरोप, कहा- रोज हो रही लोकतंत्र की हत्या

 

डेस्क: संसद के मॉनसून सत्र के समापन के बाद आज सभी विपक्षी दलों ने एक साथ मिलकर विजय चौक तक मार्च निकाला। विपक्षी दलों के इस मार्च की अगुवाई कांग्रेस सांसद राहुल गांधी ने की। इस मार्च में अन्य सभी दलों के सांसद भी उपस्थित थे।

जनता की आवाज को दबाने का लगाया आरोप

संसद भवन से विजय चौक तक निकाले गए इस मार्च के दौरान राहुल गांधी ने केंद्र सरकार पर कई बड़े आरोप लगाए। राहुल गांधी के अनुसार केंद्र सरकार लोकतंत्र की हत्या कर रही है। उन्होंने सरकार पर देश की जनता का आवाज दबाने का आरोप लगाया। उनके अनुसार केंद्र सरकार 60% लोगों की आवाज को दबा रही है।

देश बेचने का भी लगाया आरोप

राहुल गांधी के अनुसार प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी देश को बेचने का काम कर रहे हैं। उन्होंने केंद्र पर आरोप लगाते हुए कहा कि दो-तीन उद्योगपतियों के साथ मिलकर प्रधानमंत्री लगातार देश को बेचने का काम कर रहे हैं। साथ ही उन्होंने कई अन्य मुद्दों पर भी बात की।

Rahul Gandhi made big allegations on the central government

सांसदों की हुई पिटाई!

राहुल गांधी का आरोप है केंद्र सरकार ने बाहर से लोगों को बुलवाकर संसद में धक्का-मुक्की करवाई। ऐसा पहली बार हुआ है कि राज्यसभा में सांसदों के साथ बदसलूकी हुई और उनकी पिटाई की गई है। उन्होंने यह भी आरोप लगाया कि संसद में विपक्ष अपने बातों को नहीं रख सकती है।

संजय राउत ने भी लगाए आरोप

शिवसेना सांसद संजय राउत का कहना है कि राज्यसभा में बीते दिन मार्शल लॉ लगाया गया था जिसके बाद ऐसा लग रहा था कि मानो हम पाकिस्तान की सीमा पर खड़े हैं। उन्होंने केंद्र सरकार पर आरोप लगाते हुए कहा कि सरकार हर दिन लोकतंत्र की हत्या कर रही है।

संजय रावत के अलावा राजद नेता मनोज झा और एनसीपी के प्रफुल्ल पटेल सहित कई और चेहरे भी राहुल गांधी की अगुवाई में निकाले गए इस मार्च का हिस्सा थे। इसके बाद सभी विपक्षी दलों के सांसद राज्यसभा में विपक्ष के नेता मलिकार्जुन खड़गे के कार्यालय में बैठक के लिए उपस्थित हुए।

केंद्र का विपक्ष पर आरोप

विपक्ष द्वारा केंद्र सरकार के विरोध किए जाने के बीच केंद्र सरकार का कहना है कि संसद की कार्यवाही के दौरान विपक्ष ने संसद के सभी मर्यादाओं को तोड़ने में कोई कसर नहीं छोड़ा है। विपक्ष पर आरोप लगाते हुए केंद्र सरकार ने कहा कि पूरे सत्र के दौरान उनके हंगामे के कारण ही मॉनसून सत्र को समय से पहले ही खत्म कर दिया गया।

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