उत्तर प्रदेश

यूपी की राजनीति में एक तस्वीर की भूमिका, यह मतलब निकाला जा रहा है एक तस्वीर का

 

डेस्क: 2021 में पश्चिम बंगाल सहित अन्य चार राज्यों में हुए विधानसभा चुनाव के बाद अग्रवाल बारिश में उत्तर प्रदेश में विधानसभा चुनाव होने हैं। लेकिन चुनाव से पहले उत्तर प्रदेश में भारतीय जनता पार्टी के अंदर तनाव का माहौल बना हुआ था। पार्टी में अस्थिरता शाखा देखने को मिल रही थी।

कई कार्यकर्ता यूपी के वर्तमान मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को पसंद नहीं कर रहे थे। राज्य के छोटे-बड़े कार्यकर्ता विधायक पार्टी के पदाधिकारी अपने-अपने शिकायतों को केंद्रीय पर्यवेक्षकों के पास दर्ज करवाते रहें। पार्टी को स्थिर रखने के लिए संघ की तमाम कोशिशें कर रही थी।

जब उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य से भारतीय जनता पार्टी के इस और स्थिरता के बारे में पूछा गया तब उन्होंने कहा था कि 2022 में पार्टी का राज्य में नेतृत्व कौन करेगा इसका फैसला हाईकमान ही करेगी। ज्ञात हो कि कई नेता व कार्यकर्ता योगी की कार्यशैली से नाराज चल रहे हैं। इस वजह से योगी आदित्यनाथ का विरोध भी कर रहे थे।

अपने विरोध के बाद भी उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ स्थिर रहे। उन्हें इस बात की खबर थी कि राज्य में कुछ समय बाद चुनाव होने वाला है और इस वक्त किसी प्रकार की फेरबदल नुकसानदायक हो सकती है।

बता दें कि कई लोग योगी की राजनीति और प्रशासन प्रबंधन की तुलना प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी। उनका मानना है कि योगी बिल्कुल मोदी के नक्शे कदम पर चलते हैं। पार्टी में ही नरेंद्र मोदी और अमित शाह के बाद योगी ही सबसे प्रमुख चेहरा है।

ऐसे में योगी को मुख्यमंत्री पद का चेहरा ना बनाकर पार्टी किसी तरह की जोखिम नहीं अपना सकती। पार्टी में अंदरूनी विरोध के ज्यादा समय तक चलने से नुकसान पार्टी को ही होगा इस वजह से फिलहाल के लिए पार्टी के भीतर के अस्थिरता को खत्म किया गया है। साथ ही यह साफ कर दिया गया योगी आदित्यनाथ ही 2022 के चुनाव में मुख्यमंत्री पद के उम्मीदवार होंगे।

पार्टी में अस्थिरता के खत्म होने के बाद 22 जून दिन मंगलवार को योगी आदित्यनाथ मुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य के घर पहुंचे। वहां पहुंचकर उन्होंने उनके नवविवाहित पुत्र और पुत्रवधू को आशीर्वाद भी दिया। उप मुख्यमंत्री के घर योगी आदित्यनाथ का यह पहला दौरा था।

केशव प्रसाद मौर्य ने शाल पहनाकर योगी आदित्यनाथ का स्वागत किया। उस वक्त वहां पार्टी और संघ के कई वरिष्ठ चेहरे भी उपस्थित थे। सही ने साथ मिलकर मध्यान भोजन किया। दोपहर की भोज के बाद सभी ने साथ मिलकर तस्वीरें भी खिंचवाई। उस वक्त की वह तस्वीर अब भाजपा और संघ के परस्पर समन्वय का उदाहरण बन चुका है।

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