विदेशों में पढ़ा और भारत आकर बना 42 हजार करोड़ की कंपनी का मालिक, पद्मश्री से हुआ सम्मानित
डेस्क: अक्सर लोग सोचते हैं कि व्यापार करने के लिए मोटी रकम की जरूरत होती है। लोगों को लगता है बिना निवेश के व्यापार संभव नहीं है। लेकिन चेन्नई के श्रीधर वेम्बू ने इसे गलत साबित करते हुए यह प्रमाणित कर दिखाया है कि बिना पूंजी निवेश किए भी व्यापार किया जा सकता है। दरअसल श्रीधर वैंबू अमेरिका से लौट कर भारत आ गए और उन्होंने अपने एक व्यापार की शुरुआत की।
बिना निवेश के शुरू किया कंपनी
गौर करने वाली बात यह है कि उन्होंने इस व्यापार में किसी भी प्रकार का निवेश नहीं किया था लेकिन आज के समय में उनकी कंपनी 42 हजार करोड रुपए की कंपनी है। इसी के साथ श्रीधर वेम्बु 42 हजार करोड़ के मालिक बन गए हैं। बता दें कि वेम्बु ने अपनी शुरुआती पढ़ाई तमिल मीडियम के एक सरकारी स्कूल से की थी इसके बाद उन्होंने आईआईटी मद्रास से इंजीनियरिंग की पढ़ाई की।
1996 में बनाई पहली कंपनी
आगे वह प्रिंसटन यूनिवर्सिटी से इलेक्ट्रिकल इंजीनियरिंग में डॉक्टरेट की डिग्री करने के लिए विदेश गए और डिग्री हासिल करने के बाद उन्होंने अपने भाई के साथ वापस भारत लौटने का फैसला लिया। भारत लौटने के बाद उन्होंने 1996 में “एडवेंट नेट” नाम से एक कंपनी की शुरुआत की। कुछ ही महीनों में इस कंपनी के 200 से भी अधिक ग्राहक बन गए। इसके बाद उन्होंने 2009 में इसका नाम बदलकर “जोहो” रख दिया। शुरुआत में इस कंपनी से उन्होंने $500 की कमाई की और धीरे-धीरे इस कंपनी ने सफलता की राह पकड़ ली।
9000 से अधिक कर्मचारियों को दे रहे रोजगार
श्रीधर अपनी इस कंपनी में ऐसे लोगों को नौकरी देते हैं जो लोग अन्य कंपनियों से रिजेक्ट हो चुके हैं। आज के समय में पूरे दुनिया में जोहो के कुल 11 दफ्तर हैं। इसी के साथ 9000 से भी अधिक कर्मचारी इस कंपनी में काम करते हैं। उनकी कंपनी में अधिकांश कर्मचारी भारत के ग्रामीण क्षेत्रों से आते हैं। 42 हजार करोड़ के मालिक होने के बाद भी श्रीधर एक सादगी प्रिय व्यक्ति है। वह बेफिजूल के दिखावे में विश्वास नहीं रखते हैं।
पद्मश्री से किया गया सम्मानित
पिछले साल जब देश में लॉकडाउन लगा हुआ था तब वह प्रतिदिन 30,000 जरूरतमंद लोगों को मुफ्त में भोजन दे रहे थे आगे चल कर उन्होंने प्रतिदिन एक लाख जरूरतमंद लोगों को भोजन देना शुरू कर दिया। 54 वर्षीय श्रीधर के इस काम के लिए 2021 में उन्हें पद्मश्री सम्मान से सम्मानित भी किया गया। बता दें कि वर्तमान में लगभग 20,000 करोड रुपए की संपत्ति के मालिक हैं।