अंतरराष्ट्रीयपश्चिम बंगाल

बांग्लादेश के प्रधानमंत्री को उनके पिता ह’त्यारा गिफ्ट करेगी भारतीय सुरक्षा एजेंसी

बांग्लादेश के संस्थापक बंगबंधु शेख मुजीब-उर-रहमान के एक और ह'त्यारे को पश्चिम बंगाल से भारतीय सुरक्षा एजेंसियों ने गिरफ्तार किया है

डेस्क: राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) बांग्लादेश की प्रधानमंत्री शेख हसीना को गिफ्ट के तौर पर उनके पिता बांग्लादेश के संस्थापक मुजीब-उर-रहमान के ह’त्यारे को सौंपेगी.

बांग्लादेश के संस्थापक बंगबंधु शेख मुजीब-उर-रहमान के एक और ह’त्यारे को पश्चिम बंगाल के उत्तर 24 परगना जिले के बनगांव से भारतीय सुरक्षा एजेंसियों ने गिरफ्तार किया है. उसका नाम रिसालदार मोसलेहुद्दिन है. इसी ने 15 अगस्त 1975 को सैनिक तख्तापलट के दिन बंगबंधु को गो’ली मा’री थी. उसके बाद बांग्लादेश से फरार हो गया था. बनगांव में वह लंबे समय से यूनानी तथा आयुर्वेदिक मेडिसिन की दुकान चलाता था. इसकी गिरफ्तारी की सूचना बांग्लादेश की सुरक्षा एजेंसियों के पास भेज दी गयी है. पहचान की पुष्टि होने के बाद इसे बांग्लादेश को सुपुर्द कर दिया जाएगा.

Risaldar Moslehuddin
बांग्लादेश के संस्थापक बंगबंधु शेख मुजीब-उर-रहमान का ह’त्यारा, रिसालदार मोसलेहुद्दिन

कुछ दिनों पहले ही बांग्लादेश आर्मी के पूर्व कैप्टन अब्दुल माजिद को भी राजधानी ढाका के पास मीरपुर में गिरफ्तार किया गया था. वह कोलकाता में अपनी पत्नी के साथ 22 सालों तक रहा था. 21 फरवरी को वह दवा खरीदने की बात कहकर घर से निकला था जिसके बाद वापस नहीं लौटा. 7 अप्रैल को बांग्लादेश की सरकार ने उसकी गिरफ्तारी की घोषणा की और 12 अप्रैल को उसे फां’सी पर लट’का दिया गया. अब्दुल माजिद कोलकाता में एक विनम्र शिक्षक के तौर पर रहता था. उसने यहां अपना नाम बदलकर अहमद अली रख लिया था. वह कोलकाता के पार्क स्ट्रीट थाना अंतर्गत बेडफोर्ड स्ट्रीट में रहता था. इसी नाम पर उसके पास भारतीय पासपोर्ट और आधार कार्ड भी था. अब दूसरे हत्यारे को भी उत्तर 24 परगना जिले में धर दबोचा गया है.

Bangladesh's founder Mujib-ur-Rehman
बांग्लादेश के संस्थापक मुजीब-उर-रहमान

नाम नहीं छापने की शर्त पर एक अधिकारी ने बताया कि दूसरे ह’त्यारे की गिरफ्तारी हमारी ओर से बांग्लादेश की प्रधानमंत्री शेख हसीना को दूसरा गिफ्ट है. इसी ने उनके पिता को गो’ली मा’री थी. दरअसल 15 अगस्त 1975 को बांग्लादेश में तख्तापलट कर तत्कालीन प्रधानमंत्री रहमान और उनके लगभग पूरे परिवार को मौ’त के घाट उतार दिया गया था. उनकी बेटी शेख हसीना अपनी बहन के साथ उस समय जर्मनी में थीं, इसलिए उनकी जान बच गई थी. इस हत्या के बाद वह दिल्ली लौट आई थी और 1981 तक यहीं रही थीं. बाद में वह बांग्लादेश गईं और पिता की राजनीतिक विरासत को संभाला. रहमान की ह’त्या के करीब चार दशक बाद ह’त्यारों की गिरफ्तारी पूरी दुनिया में सुर्खियां बनी है.

एनआईए के उक्त अधिकारी ने कहा कि भारत-बांग्लादेश दोस्त हैं और शेख हसीना के पिता के ह’त्यारों को कानून की दहलीज पर लाने के लिए हम हर तरह से मदद करेंगे. उक्त अधिकारी ने इस बात का भी खुलासा किया कि अब्दुल माजिद को भी सुरक्षा एजेंसियों ने कोलकाता में ही धर दबोचा था जिसकी पहचान सत्यापित करने के बाद बांग्लादेश को सौंपा गया था. उसी से पूछताछ में इस दूसरे ह’त्यारे के बारे में जानकारी मिली थी. अब उसे भी धर दबोचा गया है. यह भी पता चला था कि कैप्टन माजिद का पाकिस्तानी खुफिया एजेंसी आईएसआई से काफी गहरा संबंध था. रहमान की ह’त्या में पाकिस्तानी खुफिया एजेंसियों की भूमिका का भी पूछताछ में खुलासा हुआ है.

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button