सुशांत के ट्विटर पेज पर लगी इस पेंटिंग में छुपी है खुदकु’शी की पूरी कहानी
डेस्क: सुशांत सिंह राजपूत जैसे अभिनेता और खास कर प्रतिभावान जीनियस का इस तरह अचानक दुनिया से चला जाना लोगों को सदमे के साथ चिंता में डाल दिया है. अब तक न कोई उनका सुसा’इड नोट सामने आया है. न ही कोई तथ्य जो यह बता सके कि ऐसी क्या मजबूरी थी कि उन्होंने खुदकु’शी का रास्ता चुना. वह काफी अध्ययन करते थे.
दुनिया, जीवन के बारे में अक्सर बातें करते थे. घर में रखे टेलिस्कोप से दूर दूर के तारे देख कर काफी ऊंची सोच रखते थे. ऐसे में उनका फंदे से लटक जाना लोगों की समझ के परे है. यही वजह है कि उनके बारे में जिज्ञासा लोगों की बढ़ती ही जा रही है. बताया जा रहा कि वह फिल्म इंडस्ट्री में भेदभाव के कारण छह महीने से तनाव में थे. इसी कारण शायद उन्होंने ऐसा कदम उठाया.
आइये हम बताते हैं कि सुशांत के ट्विटर एकाउंट के कवर में लगी पेंटिंग से कैसे पता चलता है कि उन्होंने चाहनेवालों को अपने इस कदम का संकेत इसके जरिये दे दिया था. अब भला इस पेंटिंग से लोग कैसे समझेंगे कि वह खुदकुशी करनेवाले हैं. हां तो यह सही है कि खुदकुशी का सारा रहस्य इसी पेंटिंग में छिपा है. इस पेंटिंग के पीछे एक कहानी है. इसके पेंटर की.
यह पेंटिंग 129 साल पुरानी है, जो काफी चर्चित पेंटिंग है. आइये जानते हैं इससे पेंटर की कहानी और कैसे इसके जरिये राजपूत ने संकेत दिया.
इस विश्व प्रसिद्ध पेंटिंग का नाम स्टारी नाइट्स है. मतलब तारों वाली रात. इसे एक फ्रेंच पेंटर ने बनाया था, जिसका नाम था विंसेंट वैन गॉग. 1889 में जब पेंटर यह चित्र बना रहे थे तो वह भी अवसादग्रस्त थे. विंसेंट इतने अवसादग्रस्त थे कि उन्होंने अपनी ही कान काट ली थी. इसके बाद उन्हें दक्षीणी फ्रांस के एक पागलखाने में भर्ती किया गया था, जहां रहने के दौरान उन्होंने यह पेंटिंग बनायी थी. यह पेंटिंग फ्रांस के संग्रहालय में रखी गयी है, जिसकी कीमत करोड़ों में मानी जाती है. यह पेंटिंग उस कलाकार की पूरी कहानी लोगों के मन में जिंदा कर देती है.
विंसेंट का यह चित्र उसके उन्य चित्रों से काफी भिन्न था. इसमें उसने बहुत ही गहरे रंगों का प्रयोग किया था. वह एक अच्छे कलाकार तो थे ही, लेकिन दुनिया की उपेक्षा के कारण वह बहुत ही दयनीय स्थिति से गुजर रहे थे. उन्हें खाने के लाले पड़े हुए थे. लोगों की अवहेलना व अकेलेपन में वह मानसिक तनाव से गुजर रहे थे. वर्षों वह तनाव के शिकार रहे. यही तनाव उनके लिए काल बन गया और इस पेंटिंग को बनाने के कुछ ही दिनों बाद उन्होंने खुद को गोली मार ली. महज 37 साल की उम्र में उन्होंने दुनिया को अलविदा कह दिया.
वैन गॉग गैलरी की आधिकारिक वेबसाइट में भी उनकी इस पेंटिंग के बारे में लिखा गया है कि वह पूरी तरह से उनकी कल्पना पर आधारित है. क्योंकि, जिस मानसिक अस्पताल के कमरे में रह कर उन्होंने इसे बनाया था, उसकी खिड़की से दिखने वाला नजारा बहुत ही अलग था. उनके जैसे कलाकार के लिए यह बहुत ही असामान्य सी बात थी.
सुशांत भी कुछ इसी तरह की स्थिति से गुजर रहे थे. कथित तौर पर लगातार उनको फिल्म इंडस्ट्री में उपेक्षा का शिकार होना पड़ रहा था. कई बड़े बैनर उन पर बैन लगा चुके थे. हाथ से काम जाने लगे थे. अकेलेपन में वह ऐसी ही कहानियों को पढ़ कर शायद जीवन को खत्म करने का विचार कर लिया.
उनके चाहनेवाले यह नहीं सोच पा रहे कि छिछोड़े और काय पो चे जैसी फिल्मों से लोगों को जीवन के लिए प्रेरित करनेवाला वह हीरो कैसे जिंदगी से हार गया.