राष्ट्रीय

नए संसद भवन में स्थापित होगा राजदंड ‘सेनगोल’, जानिए नेहरू और तमिलनाडु से इसका कनेक्शन

डेस्क: केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने सोमवार को कहा कि नए संसद भवन में एक प्रमुख स्थान पर ‘सेनगोल’ नामक एक सुनहरा राजदंड स्थापित किया जाएगा, जिसका उद्घाटन प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा किया जाना है।

राजदंड, या ‘सेनगोल’ एक महत्वपूर्ण वस्तु है। यह अंग्रेजों से सत्ता के हस्तांतरण के प्रतीक के रूप में भारत के पहले प्रधानमंत्री जवाहरलाल नेहरू को दिया गया था। माना जाता है कि ‘सेनगोल’ शब्द तमिल शब्द ‘सेम्माई’ से लिया गया है, जिसका अर्थ ‘उत्कृष्टता’ से है।

अमित शाह ने सत्ता के हस्तांतरण में ‘सेनगोल’ राजदंड द्वारा निभाई गई भूमिका पर जोर दिया और कहा कि इसके ऐतिहासिक महत्व के कारण प्रधानमंत्री मोदी ने सुनिश्चित किया कि यह नए संसद भवन में स्थापित जाएगा।

Sengol in New Parliament

सेनगोल का इतिहास

सेनगोल के बारे में बताते हुए देश के गृहमंत्री अमित शाह ने कहा कि इस पवित्र सेनगोल को संग्रहालय में रखना अनुचित है। बल्कि इसकी स्थापना नए संसद भवन में किया जाना ही अधिक उपयुक्त है। उनके अनुसार इससे पवित्र और उचित स्थान इस शाही राजदंड के लिए और कोई हो ही नहीं सकता।

बात करें इस शाही राजदंड के इतिहास की तो 14 अगस्त 1947 को 10:45 बजे देश के पहले प्रधानमंत्री जवाहरलाल नेहरू ने तमिलनाडु की जनता से इसे स्वीकार किया था। यह अंग्रेजों से प्रधानमंत्री नेहरु को सत्ता के हस्तांतरण का एक संकेत था। ज्ञात हो कि वर्तमान में यह शाही राजदंड इलाहाबाद के एक संग्रहालय में रखा हुआ है जिसे नए संसद भवन में ले जाकर स्थापित किया जाएगा।

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