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देश के लिए गर्व का पल, प्रधानमंत्री मोदी ने संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद के बैठक की अध्यक्षता, इन मुद्दों पर की गई चर्चा

देश के लिए गर्व का पल, प्रधानमंत्री मोदी ने संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद के बैठक की अध्यक्षता, इन मुद्दों पर की गई चर्चा

डेस्क: टोक्यो ओलंपिक में जहां भारतीय खिलाड़ियों ने अपने बेहतरीन प्रदर्शन से देश का सर गर्व से ऊंचा कर दिया वहीं दूसरी ओर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद (UNSC) की बैठक की अध्यक्षता कर एक बार फिर देश का सिर गर्व से ऊंचा किया है। देश के लिए ही यह गर्व का पल इसलिए था क्योंकि प्रधानमंत्री मोदी यूएनएससी की अध्यक्षता करने वाले प्रथम भारतीय प्रधानमंत्री हैं।

समुद्री सुरक्षा बढ़ाने पर की गई चर्चा

सोमवार की शाम को वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से यूएनएससी सत्र का आयोजन किया गया। प्रधानमंत्री की अध्यक्षता में किए गए इस सत्र का मुख्य केंद्र बिंदु समुद्री सुरक्षा था। इस दौरान समुद्री अपराध और असुरक्षा का प्रभावी ढंग से मुकाबला करने के तरीकों पर चर्चा की गई। साथ ही समुद्री क्षेत्र में समन्वय को मजबूत करने के तरीके को भी इस चर्चा का विषय बनाया गया।

रूसी राष्ट्रपति पुतिन भी थे उपस्थित

प्रधानमंत्री मोदी के अध्यक्षता में आयोजित यूएनएससी के इस सत्र में रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन भी उपस्थित थे। इनके अलावा संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद के सदस्य देशों के राष्ट्रीय अध्यक्ष भी सत्र में उपस्थित थे। भारतीय विदेश मंत्री एस जयशंकर सत्र के दौरान वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग उपस्थित रहे।

पहली बार हुई समुद्री सुरक्षा पर चर्चा

विदेश मंत्रालय की मानें तो इस सत्र के दौरान समुद्री सुरक्षा और समुद्री अपराध के विभिन्न पहलुओं पर चर्चा की गई और इससे संबंधित प्रस्ताव पारित किए गए। बता दें कि यह पहली बार था जब यूएनएससी जैसे उच्च स्तर के खुले बहस में समुद्री सुरक्षा पर समग्र रूप से चर्चा की गई। साथ ही ऐसा पहली बार हुआ है कि किसी भारतीय प्रधानमंत्री ने सत्र की अध्यक्षता की हो।

समुद्री सुरक्षा के लिए बुनियादी सिद्धांतों को रखा गया सामने

यूएनएससी के सत्र के दौरान प्रधानमंत्री मोदी ने समुद्री सुरक्षा को बढ़ाने के लिए 5 बुनियादी सिद्धांत पेश किए। यह सिद्धांत समुद्री व्यापार, समुद्री विवादों और संसाधनों के संरक्षण पर केंद्रित हैं। प्रधानमंत्री मोदी द्वारा पेश किए गए पांच सिद्धांत निम्नलिखित हैं –

1. बिना किसी बाधा के वैध व्यापार को बढ़ावा देने के लिए मुक्त समुद्री व्यापार होना चाहिए।
2. समुद्री विवादों का निपटारा शांतिपूर्ण तरीके से अंतरराष्ट्रीय कानून के आधार पर ही होना चाहिए।
3. समुद्री संपर्क को और अच्छा किया जाना चाहिए।
4. प्राकृतिक आपदाओं से उत्पन्न समुद्री खतरों का सामूहिक रूप से मुकाबला किया जाना चाहिए।
5. समुद्री पर्यावरण और समुद्री संसाधनों का संरक्षण किया जाना चाहिए।

समुद्री मार्गों का किया जा रहा दुरुपयोग: मोदी

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के अनुसार समुद्री मार्गों का उपयोग समुद्री डकैती और आतंकवाद को फैलाने के लिए किया जा रहा है। उन्होंने महासागरों को सभी का विरासत बताते हुए कहा कि समुद्री मार्ग अंतरराष्ट्रीय व्यापार की जीवन रेखा है। इसकी सुरक्षा भविष्य के लिए बहुत ही महत्वपूर्ण है।

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