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SC की सुनवाई की लाइव स्ट्रीमिंग पर CJI डी वाई चंद्रचूड़ के विचार

डेस्क: भारत के मुख्य न्यायाधीश (सीजेआई) डी वाई चंद्रचूड़ शनिवार को भुवनेश्वर में डिजिटाइजेशन पर भारतीय न्यायपालिका और राष्ट्रीय सम्मेलन के लिए तटस्थ प्रशस्ति पत्र के उद्घाटन समारोह में भाषण दे रहे थे। इस दौरान उन्होंने देश के कई उच्च न्यायालयों में हो रही सुनवाइयों की लाइव स्ट्रीमिंग पर टिप्पणी की।

उन्होंने कहा कि सुप्रीम कोर्ट की कार्यवाही की लाइवस्ट्रीमिंग का एक दूसरा पहलू भी है जिसके बारे में लोग नहीं सोचते। उनके अनुसार अदालत में न्यायाधीशों द्वारा बोला गया हर शब्द अब सार्वजनिक हो गया है।

CJI चंद्रचूड़ ने कहा “लाइवस्ट्रीमिंग जो हम कर रहे हैं, उसका एक दूसरा पहलू है…जजों के रूप में हमें खुद को प्रशिक्षित करने की आवश्यकता है, क्योंकि हम अब सोशल मीडिया के युग में काम कर रहे हैं। अदालत में हम जो भी शब्द कहते हैं, वह सार्वजनिक दायरे से जुड़ा होता है।’

CJI चंद्रचूड़ ने लाइव स्ट्रीमिंग पर उठाए सवाल

उन्होंने आगे कहा “आज, अधिकांश उच्च न्यायालय YouTube पर लाइव स्ट्रीमिंग कर रहे हैं… इस वजह से YouTube पर कोर्ट रूम के बहुत सारी वीडियो मिल जाएँगी, जिन्हें हमें नियंत्रित करने की आवश्यकता है। यह गंभीर मामला है…अदालत में जो होता है वह बेहद गंभीर मामला है।’

बता दें कि पिछले साल सितंबर में पहली बार शीर्ष अदालत ने मामलों की सुनवाई की लाइव स्ट्रीमिंग शुरू की थी। सितंबर 2018 में तत्कालीन सीजेआई दीपक मिश्रा ने महत्वपूर्ण मामलों के लाइव प्रसारण के संबंध में एक ऐतिहासिक फैसला सुनाया था और कहा था कि “सूर्य का प्रकाश सबसे अच्छा कीटाणुनाशक है।” अर्थात जब आम नागरिकों को पता चलेगा कि कोर्ट के अंदर की कार्यवाही कैसी होती है, तब अपराध खुद कमने लगेंगे। वहीं CJI चंद्रचूड़ का मानना है कि कोर्ट रूम के लाइव स्ट्रीमिंग का एक दूसरा पहलू भी है जिससे कोर्ट की छवि खराब हो सकती है।

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