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Budget 2022-23: इस बार आम बजट से आपको होगा फायदा या नुकसान? यहां जानें

डेस्क: केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने 1 फरवरी 2022 को संसद में 1 अप्रैल से शुरू हो रहे वित्तीय वर्ष का बजट पेश किया. आम आदमी को इस बजट से काफी उम्मीदें थीं। बजट पेश करते हुए वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने अलग-अलग सेक्टर में हो रहे बदलावों के बारे में बताया। आइए जानते हैं कि इस बजट से आपको फायदा या नुकसान होने वाला है।

बुजुर्गों को नहीं करनी पड़ेगी आयकर रिटर्न फाइल

75 वर्ष से ज्यादा आयु वाले ऐसे बुजुर्ग जिनकी आय केवल पेंशन और उसके ब्याज से होती है, उन्हें आयकर रिटर्न फाइल नहीं करना होगा। हालांकि, उन्हें इनकम टैक्स देना होगा।

फॉरेन डायरेक्ट इन्वेस्टमेंट की समय सीमा में बढ़ोतरी

इंश्योरेंस सेक्टर में सरकार ने फॉरेन डायरेक्ट इन्वेस्टमेंट की सीमा 49% से बढ़ाकर 74% कर दी। इससे आम आदमी को कम कीमत पर बीमा की ज्यादा सुरक्षा मिलेगी। साथ ही, इससे इंश्योरेंस सेक्टर में भी कई सकारात्मक बदलाव आयेंगे।

भारत की कुल जीडीपी में इंश्योरेंस सेक्टर की भागीदारी सिर्फ 3.7 परसेंट है जबकि दुनिया में यह आंकड़ा औसतन 6.31% है। यानी भारत में अब भी करोड़ों लोग इंश्योरेंस दूर है। ऐसे में, विदेशी निवेश से इस सेक्टर में बड़ी कंपनियों के बीच प्रतिस्पर्धा बढ़ेगी तो यह तस्वीर बदल सकती है। इसमें आम लोगों का फायदा होगा।

बैंको के डूबने पर मिलेंगे 5 लाख

बैंको के डूबने पर अब ग्राहकों को मिलने वाली गारेंटी की राशि ₹1 लाख से बढ़ाकर ₹5 लाख हो गई है। इसका मतलब है कि अगर लोगों ने किसी बैंक में अपना पैसा जमा करके रखा है और वह बैंक गलत नीतियों, भ्रष्टाचार या किसी भी वजह से डूब जाता है, तो सरकार से उन्हें ₹5 लाख तो कम से कम मिल ही जाएंगे। इससे सरकार ने बैंकों को लेकर ग्राहकों के मन में बैठा डर कम करने की कोशिश की है।

सरकार ने तय की गाड़ियों की उम्र

बजट में सरकार ने गाड़ियों की उम्र भी तय कर दी है। अब लोगों की जो प्राइवेट वेहीकल्स हैं, वह सिर्फ 20 साल तक ही सड़कों पर चल पाएंगे और कमर्शियल वाहन अब सिर्फ 15 साल तक ही सड़कों पर चल पाएंगे। उसके बाद इन्हें स्क्रैप कर दिया जाएगा।

एचडीएफसी बैंक की एक रिपोर्ट के मुताबिक 2025 तक 2 कड़ोड़ 80 लाख वाहन सड़कों पर नहीं चल पाएंगे और इन गाड़ियों के स्क्रैप होने से 43000 कड़ोड़ रुपए का नया व्यापार खड़ा हो जाएगा। इसके अलावा ऑटोमोबाइल सेक्टर को भी नई रफ्तार मिलेगी क्योंकि इसकी वजह से लोग ज्यादा गाड़ियां खरीदेंगे और रोजगार के नए अवसर पैदा होंगे। सरकार का यह कदम गेम चेंजर हो सकता है।

उपभोक्ता कर पाएंगे बिजली कंपनी का चयन

अब लोग किस कंपनी की बिजली सप्लाई लेना चाहते हैं यह तय करने का अधिकार उन्हे मिल जाएगा। अभी इस तरह की कोई व्यवस्था देश में नहीं थी जिसकी वजह से लोगों में बिजली कंपनियों के खिलाफ नाराजगी बढ़ रही थी और यह कंपनियां अपनी मनमानी करती थी। लेकिन अब सरकार के इस ऐलान से बिजली के उपभोक्ताओं को बहुत फायदा होगा। अब लोग जिस बिजली की कंपनी से चाहे उससे बिजली खरीद सकते हैं।

स्टार्टअप के लिए टैक्स में छूट

स्टार्टअप के लिए टैक्स में छूट 1 साल के लिए बढ़ गई है। यह कितना महत्वपूर्ण है आप इसे इस बात से समझ सकते हैं कि पिछले साल लॉकडाउन और कोरोना वायरस की वजह से स्टार्टअप्स को बहुत नुकसान हुआ था जिसे देखते हुए सरकार ने छूट का ऐलान किया है। सरकार को उम्मीद है कि इससे हमारे देश की नई छोटी छोटी कंपनियों और स्टार्टअप्स को बढ़ावा मिलेगा। इससे हमारे देश की अर्थव्यवस्था को बल और लोगों को रोजगार मिलने के साथ साथ हमारी इकोनॉमी को भी गति मिलेगी।

छोटे शहरों में सस्ती मेट्रो सेवा शुरू

10 लाख से कम आबादी वाले छोटे शहरों में सस्ती मेट्रो सेवा शुरू होगी। यह मेट्रो सेवा इन शहरों में विकास की नई संभावनाओं को तलाशेंगी और साथ ही इससे परिवहन की सुविधाएं भी अच्छी होगी।

इनकम टैक्स चोरी की समय सीमा हुई कम

इनकम टैक्स चोरी के किसी भी मामले में सिर्फ 3 साल तक ही कार्यवाही हो सकती है। पहले यह समय सीमा 6 साल की होती थी जिससे कोर्ट पर पेंडिंग मामलों का दबाव कम पड़ेगा और आयकर विभाग के सामने तय समय में आरोपियों के खिलाफ कार्रवाई करने की चुनौती होगी।

देश में खुलेंगे 100 नए सैनिक स्कूल

देश में एनजीओ के सहयोग से 100 नए सैनिक स्कूल खोले जाएंगे। इसका बड़ा मकसद है पब्लिक स्कूल की शिक्षा को आम आदमी की पहुंच में लाना। इस बजट की घोषणा का देश के लोगों को आने वाले समय में फायदा होगा। छोटे शहरों में रहने वाले लोग जिनके पास अपने बच्चों को पब्लिक स्कूल में पढ़ाने के लिए उतना पैसा नहीं है, उन्हे इन सैनिक स्कूलों से फायदा होगा। यहां वे कम खर्च में अपने बच्चों को उच्च स्तरीय शिक्षा दिलवा पाएंगे।

इनकम टैक्स की दरों में कोई बदलाव नहीं

इस बार सरकार ने इनकम टैक्स की दरों में कोई बदलाव नहीं किया। हालांकि लोगों को ऐसी उम्मीद थी कि सरकार टैक्स में छूट दे सकती है ताकि लोगों के हाथ में ज्यादा पैसा रहे और वह पैसा बाजार में खर्च कर सके। सरकार ने अपनी आय और खर्च में बड़े अंतर की वजह से इस तरह की कोई छूट नहीं दी। यानी सरकार का पूरा ध्यान खर्च बढ़ाने पर था इसलिए वह अपनी आय में कटौती नहीं कर सकती थी।

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