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जातिगत जनगणना पर पीएम मोदी ने तोड़ी चुप्पी, लगाया देश को विभाजित करने का आरोप

डेस्क: गाँधी जयंती के दिन 2 अक्टूबर को बिहार में नीतीश कुमार की सरकार ने राज्य में जाति सर्वेक्षण के नतीजे जारी किए। जिसके बाद बिहार में जाति के आधार पर लोगों की संख्या का अनुमान लगा पाना संभव हो गया है।

एक तरफ जहाँ विपक्षी गठबंधन के सदस्य पार्टियों ने नितीश कुमार की इस पहल को बहुत जरुरी बताया और देश भर में भी जातिगत जनगणना की मांग की, वहीं भाजपा ने सर्वेक्षण के नतीजों को झूठा करार दिया है और इसे गरीबों के बीच भ्रम पैदा करने की एक साजिश बताया है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने विपक्ष, खासकर कांग्रेस पर गरीबों की भावनाओं के साथ खेलने और लोगों को जाति के नाम पर विभाजित करने का आरोप लगाया।

गरीबों की भावनाओं से खेल रहा विपक्ष : पीएम मोदी

उन्होंने कहा “तब भी वे गरीबों की भावनाओं से खेलते थे और अब भी ऐसा कर रहे हैं। तब भी वे देश को जाति के आधार पर बांटते थे और अब भी वे वही कर रहे हैं।
बिहार में जाति सर्वेक्षण के नतीजों के आने के बाद राष्ट्रीय जाति जनगणना की मांग तेज हो गयी है। ऐसे में पीएम की यह बात काफी मायने रखती है।

कांग्रेस ने साफ कर दिया है कि वह आगामी विधानसभा चुनाव और 2024 के लोकसभा चुनाव में राष्ट्रीय जाति जनगणना को चुनावी मुद्दा बनाएगी। कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने कहा कि बिहार सरकार का सर्वे बताता है कि देश में जातिगत आंकड़ों को जानना कितना जरूरी है। इसके साथ ही उन्होंने लोगों को उनकी जनसंख्या के आधार पर अधिकार देने की अपनी मांग दोहराई।

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