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राममंदिर पर फैसला लेने वाले पूर्व CJI रंजन गोगोई को राष्ट्रपति ने राज्यसभा के लिए किया नामित

पूर्व जस्टिस रंजन गोगोई (Ranjan Gogoi) को राज्यसभा के लिए नामित किया गया है. राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने उन्हें राज्यसभा के लिए मनोनित किया 

डेस्क: राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने सुप्रीम कोर्ट के पूर्व जस्टिस रंजन गोगोई (Ranjan Gogoi) को राज्यसभा के लिए मनोनित किया है. गोगोई ने अयोध्या राम मंदिर समेत कई महत्वपूर्ण मामलों पर फैसला सुनाया था.

रंजन गोगोई  3 अक्टूबर 2018 को भारत के 46वें चीफ जस्टिस बने और 13 महीने के कार्यकाल के बाद 17 नवंबर 2019 को रिटायर हुए थे. उन्होंने पिछले साल 9 नवंबर को राम मंदिर पर ऐतिहासिक फैसला सुनाया था. वह अपनी निर्भीकता और साहस के लिये जाने जाते हैं.

सीजेआई गोगोई उन चार वरिष्ठतम न्यायाधीशों में शामिल थे,जिन्होंने जनवरी 2018 में संवाददाता सम्मेलन कर तत्कालीन प्रधान न्यायाधीश (न्यायमूर्ति दीपक मिश्रा) के कामकाज के तरीके पर सवाल उठाए थे. न्यायमूर्ति गोगोई और शीर्ष न्यायालय के तीन अन्य न्यायाधीशों न्यायमूर्ति जे चेलमेश्वर, न्यायमूर्ति मदन बी लोकुर और न्यायमूर्ति कुरियन जोसेफ ने 12 जनवरी 2018 को अभूतपूर्व कदम उठाते हुये संवाददाता सम्मेलन कर आरोप लगाया था कि सुप्रीम कोर्ट में प्रशासन और मुकदमों का आवंटन सही तरीके से नहीं हो रहा. सीजेआई के पद पर न्यायमूर्ति गोगोई का कार्यकाल विवादों से अछूता नहीं रहा. उन्हें यौन उत्पीड़न के आरोपों का सामना करना पड़ा. हालांकि, वह इसमें पाक-साफ करार दिए गए. जस्‍टिस एस ए बोबडे की अध्यक्षता वाली तीन सदस्यीय एक आंतरिक जांच समिति ने उन्हें इस मामले में ‘क्लीन चिट’ दे दी थी.

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