उत्तर प्रदेशराजनीति

यूपी में सत्ता पाने को मायावती ने खेला ब्राह्मण कार्ड, कहा सत्ता में आएंगे तो..

डेस्क: उत्तर प्रदेश में लगातार भाजपा की बढ़ती लोकप्रियता और राम मंदिर भूमिपूजन के बाद विरोधियों को अब कोई मुद्दा नहीं सुझ रहा है. ऐसे में एक बार फिर सूबे की सियासत में जाति कार्ड प्रभावित है.

यही वजह है कि बसपा सुप्रीमो व राज्य की पूर्व मुख्यमंत्री मायावती ने अब दलितों के साथ ही ब्राह्मणों को साधने की कोशिश की है. मायावती ने एक ट्वीट कर कहा कि अगर सूबे की उनकी सरकार बनती है तो वो ब्राह्मणों के ईष्ट भगवान परशुराम की भव्य प्रतिमा बनवाएंगी.

वहीं, मायावती का ये वादा उत्तर प्रदेश के ब्राह्मणों को रिझाने की कोशिश के रूप में देखा जा रहा है. दरअसल, मायावती ने ट्वीट कर सूबे की सियासी गणित साधने की कोशिश की है.

खोए जनाधार पाने को खेला ब्राह्मण कार्ड

आगे उन्होंने कहा कि कोरोना महामारी के मामले में केंद्र व राज्य सरकार की कमियों के मद्देनजर बसपा सरकार बनने पर राज्य में ब्राह्मण समाज की आस्था और स्वाभिमान के प्रतीक श्री परशुराम और अन्य सभी जातियों व धर्मों में जन्मे महान संतों, गुरुओं और महापुरुषों के नाम पर बड़ी संख्या में आधुनिक अस्पताल व सभी जरूरी सुविधाओं से लैस कम्युनिटी सेंटर बनावाए जाएंगे, जहां लोगों के ठहरने की उत्तम व्यवस्था होगी.

कहा- बसपा के कथनी और करनी पर है ब्राह्मण समाज को भरोसा

हालांकि, लगे हाथ समाजवादी पार्टी द्वारा भगवान परशुराम की ऊंची प्रतिमा लगवाने की बात को उन्होंने चुनावी स्वार्थ करार देते हुए कहा कि ब्राह्मण समाज को बसपा की कथनी और करनी पर पूरा भरोसा है.

बसपा सरकार बनने पर ब्राह्मण समाज की इस चाहत के मद्देनजर सपा की तुलना में अधिक भव्य प्रतिमा बनवाई जाएगी. भाजपा पर राम मंदिर निर्माण के नाम पर सियासत करने का आरोप लगाते हुए उन्होंने कहा कि ये मामला लोगों की धार्मिक आस्था और भावनाओं से जुड़ा है. इसलिए मंदिर को लेकर सियासत नहीं होनी चाहिए. लेकिन भाजपा इसे सियासत से जोड़ रही है.

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