पश्चिम बंगालराजनीति

अब तक किसी ने भी बंगाल के विकास की बात नहीं की थी, यह चुनाव बंगाल के विकास का चुनाव है: विजय अठवाल

डेस्क: पश्चिम बंगाल विधानसभा चुनाव 2021 के पहले भारतीय जनता पार्टी की तरफ से विजय अठवाल निरीक्षक के तौर पर बंगाल आए हैं. वह यहां किए जाने वाले चुनाव प्रचारों का निरीक्षण कर रहे हैं. जब हमारे संवाददाता ने उनसे बात की तो बातचीत के दौरान उन्होंने पिछली सरकारों को सवालों के घेरे में लिया.

उन्होंने कहा कि तीन दशकों से भी अधिक समय के लिए बंगाल में वाम सरकार रही. इसके बाद 10 साल के लिए तृणमूल सरकार आई लेकिन किसी ने भी बंगाल के विकास की बात क्यों नहीं की? उनके अनुसार बंगाल में अब तक के सभी सरकारों ने केवल अराजकता ही फैलाई हैं. इतना कहकर उन्होंने स्पष्ट कर दिया कि इस बार का चुनाव बंगाल के विकास का चुनाव है और बंगाल की जनता ने परिवर्तन को अपना लिया है.

जब उनसे हमारे संवाददाता ने विजय अठवाल से कुछ प्रश्न किये तो उन प्रश्नों का जवाब उन्होनें कुछ इस प्रकार दिया:

प्र. आप यहां निरीक्षण करने आए हैं तो यहां का माहौल आपको कैसा लगा?

इसका जवाब देते हुए उन्होंने कहा कि कई ऐसे मूलभूत सुविधाएं हैं जिससे यहां की जनता को वंचित रखा गया है. उनका कहना है कि बंगाल देश से अलग नहीं है. भाजपा की सरकार आने के बाद देश के साथ-साथ बंगाल के लोगों का भी विकास होगा. जब डबल इंजन की सरकार आएगी तब बंगाल का भी विकास देश के साथ-साथ होगा.

प्र. जब उनसे पूछा गया कि देवरा विधानसभा में दो आईपीएस के बीच की लड़ाई को वह किस प्रकार से देखते हैं?

इस पर उन्होंने कहा कि देवरा विधानसभा क्षेत्र में सिस्टम की लड़ाई है. एक तरफ हिमायू कबीर हैं तो दूसरी तरफ भारती घोष हैं. दोनों ही आईपीएस अफसर रह चुके हैं. लेकिन भारती घोष संवेदना के साथ चुनाव लड़ रही हैं क्योंकि उन्होंने इसी क्षेत्र में अपने सर्विस के दौरान तृणमूल के अत्याचारों को देखा है. उन्होंने यहां के लोगों की सभी जरूरतों को अपनी आंखों से देखा है. वह इस क्षेत्र का उन्नयन करना चाहती हैं. इसलिए भारतीय जनता पार्टी के तरफ से डेबरा विधानसभा क्षेत्र के लिए भारती घोष को चुना गया है.

प्र. 10 मार्च को ममता बनर्जी के साथ हुए हादसे के बारे में आप क्या कहेंगे?

यह सवाल पूछे जाने पर उन्होंने साफ-साफ कहा कि इलेक्शन कमीशन ने यह स्पष्ट कर दिया है कि यह कोई हमला नहीं था. उनका कहना है कि यह जनता की सिंपैथी पाने के लिए ममता बनर्जी का एक नाटक है.

प्र. राकेश टिकैत आजकल तृणमूल के साथ दिख रहे हैं इस पर आपका क्या कहना है?

इस पर उनका कहना था कि राकेश टिकैत एक बहरूपिया है जिसने खुद को हाईलाइट करने के लिए दिल्ली में आंदोलन किया. उनका कहना है कि वे किसानों के हितैषी हैं तो वह तब बंगाल क्यों नहीं आए थे जब चुनाव नहीं था?

उन्होंने तब बंगाल के किसानों की सुध क्यों नहीं ली थी और अब अगर वह बंगाल में है भी तो वे किसानों के हित की बात क्यों नहीं करते? राकेश टिकैत केवल किसानों को बरगलाने का काम कर रहे हैं. उनको किसानों से कोई लेना देना नहीं है. वह बस तृणमूल के साथ मिलकर अपना उल्लू सीधा कर रहे हैं.

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