अंतरराष्ट्रीय

25 देशों की सेना चीन को सबक सिखाने के लिए तैयार खड़ी, जिनपिंग की चिंता बढ़ी

डेस्क: चीन की हर चालबाजी और करतूतों पर इन दिनों पूरी दुनिया की नजर है. अपनी तकनीक और आर्थिक ताकत के बलबूते पूरी दुनिया पर काबिज होने की ख्वाहिश रखने वाले चीन ने कोरोना वायरस के जरिए दुनिया में बड़ी तबा’ही मचाने का गुनाह किया.

दुनियाभर में कोरोना फैलाने के बाद चीन अपने पड़ोसियों की जमीन हथियाने की जुगत में लगा है. अब आलम ये है कि पूरी दुनिया को धौंस दिखाने वाले चीन को सबक सिखाने के लिए अमेरिका, यूरोप, जापान, वियतनाम, ऑस्ट्रेलिया समेत कई देश चीन के खिलाफ मोर्चा बंदी में जुटे हैं.

इन सबके बीच चीन ने भारत से तनाब बढ़ा कर अपनी मुश्किलें और बढ़ा ली. लद्दाख के गलवान घाटी में भारतीय सैनिकों पर हम’ला कर चीन ने अबतक की अपनी सबसे बड़ी गलती कर दी. चीन को भरोसा नहीं था भारतीय सैनिक उसके इस हम’ले का ऐसा करारा जवाब देगी. गलवान घाटी में हुई हिं’सक झड़प में जहां भारत के 20 सैनिक शहीद हुए वहीं खबरें आ रही है कि इस झड़प में चीन के करीब 100 सैनिक मा’रे गए.

आलम ये है कि चीन अबतक अपने मा’रे गए सैनिकों का आंकड़ा तक सार्वजनिक नहीं कर पायी है इसके बाद राष्ट्रपति जिनपिंग के खिलाफ चीनी जनता और वहां के पूर्व सैनिक बेहद नाराज हैं अपनी ही सरकार के खिलाफ मोर्चा खोलने की तैयारी में हैं.

भारत ने भी चीनी घमंड को तोड़ने की पूरी तैयारी कर ली है. चीन के खिलाफ दुनियाभर में बढ़ते आक्रोश के बीच जापान, वियतनाम जैसे उसके पड़ोसियों के साथ-साथ यूरोप और अमेरिका ने भी भारत का साथ देने के लिए तैयार बैठी है.

चीन के खिलाफ भारत की ओर से उठाए गए कदमों के बाद अब वियतनाम से लेकर दक्षिण कोरिया तक चीन के खिलाफ मोर्चाबन्दी जुट गया है. आलम यह है कि जापान ने चीन के खिलाफ बैलेस्टिक मिसाइलें तैनात कर दी. ताइवान ने भी कमर कस ली है. ऑस्ट्रेलिया ने भी चीन के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है.

अमेरिका ने दक्षिण चीन सागर में के 3 यु’द्धपोत तैनात कर दिए हैं. अमेरिका के 60 हजार से ज्यादा सैनिक किसी भी अभियान के लिए जापान में तैयार बैठे हैं. साथ ही अमेरिका यूरोप से अपनी सेना को हटाकर दक्षिण एशिया के वियतनाम, ताइवान और सिंगापुर में तैनात कर रहा है.

इतना ही नहीं करीब 25 देशों की सैना चीन को सबक सिखाने के लिए तैयार खड़ी है. इस कड़ी में पिछले दिनों अमेरिका की अगुवाई में इजरायल, फ्रांस, जर्मनी, कनाडा, ब्रिटेन, ब्राजील, ऑस्ट्रेलिया, जापान, दक्षिण कोरिया, मैक्सिको, चिली, इंडोनेशिया, ब्रुनेई, कोलंबिया, मलेशिया, नीदरलैण्ड, न्यूजीलैण्ड, फिलीपींस, सिंगापुर, थाईलैण्ड, श्रीलंका, वियतनाम और ताइवान ने एशिया पैसिफिक सागर में खास सैन्य अभ्यास कर चीन को सख्त संदेश देने की कोशिश की. चीन के लिए सबसे बड़ी चिंता की बात ये थी इस इस सैन्य अभ्यास से पाकिस्तान, तुर्की, ईरान और रूस को दूर रखा गया.

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