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मनोज सिन्हा को पीएम ने दिया ईमानदारी का तोहफा, बनाए गए जम्मू-कश्मीर के नए उप राज्यपाल

डेस्क: सियासत में अपनी ईमानदार छवि के लिए जाने जाने वाले गाजीपुर के पूर्व भाजपा सांसद मनोज सिन्हा को जम्मू-कश्मीर का नया उप राज्यपाल नियुक्त किया गया है. सिन्हा मोदी सरकार के पहले कार्यकाल में रेल राज्य मंत्री भी रहे थे.

लेकिन साल 2019 के चुनाव में उन्हें गाजीपुर सीट से मुख्तार अंसारी के भाई अफजाल अंसारी के हाथों शिकस्त झेलनी पड़ी. वहीं, घूमने फिरने के शौकिन सिन्हा खेती-किसानी से भी जुड़े रहे हैं. यही वजह है कि रेल राज्य मंत्री रहने के दौरान उन्होंने पूरी ईमानदारी से काम करते हुए गाजीपुर को कई सौगातें दी.

अपने विकास कार्य को जाने जाते हैं सिन्हा

1 जुलाई, 1959 को उत्तर प्रदेश के गाजीपुर जनपद के मोहनपुरा में जन्मे मनोज सिन्हा ब्राह्मण जाति के भूमिहार वर्ग से आते हैं. उन्होंने अपनी प्रारंभिक शिक्षा गाजीपुर से पूरी करने के बाद बीएचयू स्थित आईआईटी से सिविल इंजीनियरिंग में बीटेक किया और फिर एमटेक की डिग्री हासिल की.

मनोज सिन्हा जम्मू-कश्मीर के नए उप राज्यपाल

हालांकि, छात्र जीवन से ही वे सियासत में सक्रिय रहे और 1982 में बीएचयू छात्रसंघ के अध्यक्ष भी बने. इसके बाद साल 1996 में पहली बार गाजीपुर सीट से वे चुनाव जीत लोकसभा पहुंचे थे. इसके बाद 1999 और 2014 में सिन्हा तीसरी बार लोकसभा के लिए चुने गए और मोदी सरकार में रेल राज्य मंत्री बने. इस दौरान उन्होंने गाजीपुर को कई ट्रेनें सौगात में दी.

ईमानदार सांसद के खिताब से हो चुके हैं सम्मानित

वहीं, सिन्हा की सबसे बड़ी उपलब्धि यह है कि उन्हें सियासत में एक ईमानदार नेता के रूप में जाना जाता है. साथ ही उनकी ईमानदारी और निष्ठावान तरीके से अपने संसदीय क्षेत्र के विकास को एक लीडिंग मैगजीन ने उन्हें सबसे ईमानदार सांसद के खिताब से सम्मानित भी किया था.

मैगजीन के मुताबिक सिन्हा उन ईमानदार नेताओं में शुमार रहे हैं, जिन्होंने अपने सांसद निधि का शत-प्रतिशत इस्तेमाल अपने संसदीय क्षेत्र के विकास में किया था.

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