पश्चिम बंगाल

क्या है ‘दादा’ और ‘दीदी’ के मुलाकात का अर्थ? ममता बनर्जी का साथ देंगे सौरव?

 

डेस्क: बीते दिन 8 जुलाई को भारतीय क्रिकेट टीम के पूर्व कप्तान और मौजूदा बीसीसीआई सौरव गांगुली की 49वीं जन्मदिन थी। इस दिन उनके कई प्रशंसकों ने टि्वटर तथा अन्य सोशल मीडिया के माध्यम से उन्हें जन्मदिन की बधाई दी।

कई राजनीति से जुड़े हस्तियों ने भी ट्वीट कर सौरव गांगुली को शुभकामनाएं दी। जन्मदिन की शुभकामनाएं देने का सिलसिला यहीं नहीं रुका। पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी तो उनके घर तक पहुंच गई।

शुभकामनाएं देने के लिए घर पहुंची मुख्यमंत्री

सौरव गांगुली को जन्मदिन की शुभकामनाएं देने के लिए उनके घर तक चले जाने का राजनीतिक अर्थ निकाला जा रहा है। ममता बनर्जी के वहां जाने के बाद उन दोनों की एक तस्वीर सामने आई। इस तस्वीर में ममता बनर्जी पूर्व कप्तान को फूलों का गुलदस्ता पकड़ाते हुए नजर आ रहे हैं।

बीसीसीआई चीफ सौरव गांगुली भी फूलों को स्वीकार कर मुख्यमंत्री का अभिवादन करते नजर आ रहे हैं। उन दोनों के बीच की यह मुलाकात करीब 1 घंटे तक चली। इस दौरान उनके बीच क्या बातचीत हुई यह किसी को भी नहीं पता। लेकिन सौरव गांगुली को जन्मदिन की बधाई देने के लिए स्वयं ममता बनर्जी के उनके घर पहुंचने का राजनीतिक अर्थ निकाला जा रहा है।

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भाजपा को ना कहा है, राजनीति को नहीं

पश्चिम बंगाल विधानसभा चुनाव के पहले सौरव गांगुली के भाजपा से जुड़ने की अटकलें काफी तेज थी। लेकिन चुनाव से पहले एक बंगला न्यूज़ चैनल में सौरव गांगुली से राजनीति में जुड़ने के बारे में पूछे जाने पर उन्होंने कहा “सब कुछ सभी के लिए नहीं होता है।” अर्थात इशारों में ही उन्होंने बताया कि वह राजनीति में नहीं आने वाले। हालांकि राजनीतिक विशेषज्ञों का यह मानना था उन्होंने केवल भाजपा को ना कहा है न कि राजनीति को।

ऐसे में ममता बनर्जी के उनके घर पहुंचकर में जन्मदिन की बधाई देने से ऐसा अनुमान लगाया जा रहा है कि सौरव गांगुली तृणमूल का साथ आने वाले समय में दे सकते हैं। हालांकि ममता बनर्जी और सौरव गांगुली की नज़दीकियां किसी से छिपी नहीं है। ममता बनर्जी के शपथ ग्रहण समारोह के दौरान ही राजभवन में आने वाले अतिथियों में सौरव गांगुली का नाम शामिल था।

इसके अलावा जब सीने में दर्द की शिकायत होने के बाद सौरव गांगुली एनजीओप्लास्टी से गुजरे थे, उस वक्त भी ममता बनर्जी ने अस्पताल जाकर उनकी पत्नी डोना गांगुली से मुलाकात की थी। ऐसे में ‘दादा’ ‘दीदी’ के साथ राजनीति में कदम रखेंगे या नहीं इस पर उन्होंने कुछ भी साफ नहीं किया है। इसका पता आने वाले समय नहीं चलेगा।

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