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अंत तक निभाती रही अपने पति बिपिन रावत का साथ, जानिए कौन थी मधुलिका रावत

 

डेस्क: शादी का अर्थ होता है सात जन्मों का साथ। अक्सर पति पत्नी एक दूसरे का साथ सातों जन्म तक निभाने की कसमें खाते हैं लेकिन मधुलिका रावत ने इस जन्म में सीडीएस जनरल बिपिन रावत का साथ देकर उनके अंतिम समय में भी उनका बखूबी दिया। दरअसल बीते दिनों तमिलनाडु के कुन्नूर में हुए हेलीकॉप्टर दुर्घटना में बिपिन रावत के साथ दुर्घटनाग्रस्त हेलीकॉप्टर में उनकी पत्नी मधुलिका रावत भी उपस्थित थी। उनके साथ साथ सेना के अन्य 11 अधिकारी भी दुर्घटना के शिकार हुए।

पिता थे सोहागपुर रियासत के रियासतदार

मधुलिका रावत अक्सर समाज कल्याण के कामों में लगी रहती थी। उनका जन्म मध्य प्रदेश के शहडोल में हुआ था। उनके पिता मृगेंद्र सिंह मध्यप्रदेश के शहडोल जिले के सोहागपुर रियासत के रियासतदार थे। मधुलिका ने अपनी शुरुआती शिक्षा ग्वालियर के सिंधिया गर्ल्स स्कूल से प्राप्त की। इसके बाद वह आगे की पढ़ाई करने के लिए दिल्ली चली गई। दिल्ली विश्वविद्यालय से उन्होंने मनोविज्ञान की पढ़ाई की।

1986 में हुई बिपिन रावत के साथ शादी

साल 1986 में मधुलिका की शादी बिपिन रावत से हो गई जिसके बाद वह दोनों साथ रहने लगे। अपने शादी के समय बिपिन रावत भारतीय सेना में जनरल के पद पर थे। कई सालों तक महत्वपूर्ण क्षेत्रों में तैनाती के कारण बिपिन रावत को अपने परिवार से दूर रहना पड़ा लेकिन बाद में वह अपनी पत्नी और दोनों बेटियों को अपने साथ ले गए।

दूसरों के कल्याण में बिताया अपना जीवन

सीडीएस जनरल बिपिन रावत की पत्नी मधुलिका रावत अक्सर सामाजिक कार्यों से जुड़ी रहती थी। वह कई एनजीओ के लिए भी काम करती थी। सेना के जवानों की पत्नियों की मदद करते हुए वह डिफेंस वाइव्स वेलफेयर एसोसिएशन की अध्यक्ष भी बनी। इसके अलावा वह “वीर नारीज़” नाम के एनजीओ से भी जुड़ी हुई थी। उनका पूरा जीवन दूसरों की मदद करने में ही बीत गया और अंत तक वह अपने पति का साथ निभाती रही।

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