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चार महीनों में 1.5 मिलियन किमी की यात्रा करेगा आदित्य एल1, खुलेंगे कई राज़

डेस्क: भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) का पहला सौर मिशन, आदित्य एल1, शुक्रवार को आंध्र प्रदेश के श्रीहरिकोटा से लॉन्च किया जाएगा। 23 अगस्त 2023 को चंद्रमा के दक्षिणी ध्रुव पर उतरने वाले चंद्रयान-3 की ऐतिहासिक सफलता के कुछ दिनों बाद इसरो 2 सितम्बर की सुबह 11.50 बजे अंतरिक्ष यान लॉन्च करेगा।

आदित्य एल1 के माध्यम से, इसरो का लक्ष्य यान को सूर्य-पृथ्वी प्रणाली के लैग्रेंज बिंदु 1 (एल1) के चारों ओर एक प्रभामंडल कक्षा में स्थापित करना है, जो पृथ्वी से लगभग 1.5 मिलियन किमी दूर है। इस मिशन के माध्यम से, इसरो वास्तविक समय में अंतरिक्ष मौसम पर सौर गतिविधियों के प्रभाव का अध्ययन करेगा।

आदित्य एल1 की चार महीने लंबी यात्रा

इसरो के अनुसार आदित्य एल1 पृथ्वी से 15 लाख किलोमीटर की दूरी तय करने वाला है और इसे तय करने में यान को लगभग चार महीने लगेंगे। इसरो ने अपनी वेबसाइट पर बताया कि अंतरिक्ष यान को शुरुआत में पृथ्वी की निचली कक्षा में स्थापित किया जाएगा

इसमें कहा गया है की कक्षा को और अधिक अण्डाकार बनाया जाएगा और बाद में अंतरिक्ष यान को ऑन-बोर्ड प्रणोदन का उपयोग करके लैग्रेंज बिंदु L1 की ओर प्रक्षेपित किया जाएगा। L1 की ओर यात्रा करते समय, आदित्य L1 पृथ्वी के गुरुत्वाकर्षण प्रभाव क्षेत्र से बाहर निकल जाएगा।आदित्य-एल1 को लॉन्च से एल1 तक की कुल यात्रा में लगभग चार महीने लगेंगे।

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