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बिना पैरों के हुआ था जन्म, बिना हार माने बनाया वर्ल्ड रिकॉर्ड, आज दुनिया भर में मिली पहचान

 

डेस्क: ज़िओन क्लार्क एक मोटिवेशनल स्पीकर, लेखक, एथलीट हैं और अब उन सम्मानित कुछ “इंस्टाग्रामर्स” में शामिल हो गए हैं, जिन्होंने अपने इंस्टाग्राम पेज पर एक मिलियन फॉलोअर्स की उपलब्धि हासिल की है। क्लार्क के टिकटॉक पर सत्रह मिलियन से अधिक लाइक हैं और उनके गिनीज वर्ल्ड रिकॉर्ड यूट्यूब वीडियो को लगभग चालीस मिलियन बार देखा गया है।

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कॉडल रिग्रेशन सिंड्रोम के साथ हुआ जन्म

क्लार्क का जन्म 29 सितंबर 1997 को कोलंबस शहर में हुआ था। उनके बारे में ख़ास बात यह है कि वह बिना पैरों के ही जन्में थे। क्लार्क का जन्म कॉडल रिग्रेशन सिंड्रोम के साथ हुआ था क्योंकि उनकी जन्म मां ने गर्भावस्था के दौरान नशीली दवाओं का सेवन किया था। लेकिन उन्होंने कभी भी अपनी इस कमी को अपने लक्ष्य के बीच नहीं आने दिया। शरीर के नीचे के अंगों का विकास पूरी तरह से ना हो पाने के कारण क्लार्क अपना सारा काम अपने हाथों की मदद से ही करते हैं।

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बनाया वर्ल्ड रिकॉर्ड

समय के साथ क्लार्क की उपलब्धियां बढ़ती जा रही है, जिनमें केंट राज्य में अखिल अमेरिकी पहलवान, दो बार के राज्य ट्रैक चैंपियन, गिनीज वर्ल्ड रिकॉर्ड धारक, दो हाथों की मदद से मात्र 4.78 मिनट में 20 मीटर स्प्रिंट करना आदि शामिल हैं।उन्होंने कभी भी खुद की कमजोरी को सफलता के रास्ते में नहीं आने दिया। उनके इसी खासियत की वजह से आज वह पूरे विश्व में पहचाने जाते हैं।

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माउंट किलिमंजारो पर की चढ़ाई

मात्र 4.78 मिनट में 20 मीटर की दौड़ अपने हाथों की मदद से पूरी करने रिकॉर्ड बनाने के बाद उन्होंने माउंट किलिमंजारो पर भी चढ़ाई की। नेटफ्लिक्स पर उनके जीवन पर आधारित एक डॉक्यूमेंट्री उपलब्ध है जिसके नाम सबसे ज्यादा बार देखी जाने वाली डॉक्यूमेंट्री का रिकॉर्ड है।

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उनका जीवन उन सभी लोगों के लिए प्रेरणादायक है जो अपनी कमी को अपनी असफलता का कारन मानते हैं। क्लार्क ने यह साबित कर दिखाया कि आपकी कमी तब तक आपके सफलता के रास्ते में नहीं आती जब तक आपकी इच्छाशक्ति मजबूत होती है।

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