विपक्षी एकता के नीतीश के फार्मूले से नाखुश पटनायक, क्लियर कर दी अपने ‘मन की बात’
डेस्क: नवीन पटनायक और नीतीश कुमार दोनों ही जनता दल से अलग होकर अपनी अलग पार्टी का गठन कर राज्य पर केंद्रित राजनीति करते आ रहे हैं। अब जब नीतीश विपक्षी एकता के उद्देश्य से सभी राज्यों के मुख्यमंत्रियों से मिल रहे हैं तो ऐसे में जब उनकी मुलाकात नवीन पटनायक से हुई तो उड़ीसा के मुख्यमंत्री नवीन पटनायक ने उन्हें अपना पुराना दोस्त बताया।
हालांकि विपक्षी गठबंधन को लेकर उनकी नीतीश कुमार से कोई चर्चा नहीं हुई। उन्होंने इस बात की पुष्टि कर दी कि वह विपक्षी एकता की मुहिम के समर्थन में नहीं हैं। इस वजह से नवीन पटनायक पिछले कुछ समय से चर्चा का केंद्र बन गए हैं। बीते दिनों जब नीतीश कुमार ने नवीन पटनायक से मुलाकात की तो उसके ठीक है अगले दिन ही नवीन दिल्ली पहुंचे और उन्होंने पीएम मोदी से मुलाकात की।
किसी भी पार्टी के साथ गठबंधन नहीं करेंगे पटनायक
बाद में नवीन पटनायक ने एक बैठक कर घोषणा किया 2024 के लोकसभा चुनाव में और आने वाले किसी भी विधानसभा चुनाव में वह किसी भी पार्टी के साथ गठबंधन नहीं करेंगे। बल्कि उनकी पार्टी बीजद अकेले ही लोकसभा और विधानसभा चुनाव लड़ेगी। उनके ऐसा घोषणा करते ही राजनीति के गलियारों में हलचल पैदा हो गई।
नवीन पटनायक नीतीश कुमार के पुराने सहयोगी रहे हैं ऐसे में विपक्षी एकता योगदान देने से पटनायक की मनाही नीतीश के लिए झटके से कम नहीं था। इससे पहले नीतीश कुमार ने कांग्रेस के मलिकार्जुन खरगे और राहुल गांधी सहित अलग-अलग पार्टियों के प्रमुख से मिलकर विपक्षी एकता पर चर्चा की और उन्हें सभी की हामी भी मिली। लेकिन नवीन पटनायक विपक्षी एकता में योगदान देने के लिए तैयार नहीं हैं।
इसकी एक वजह यह भी मानी जा रही है फिर 5 बार से उड़ीसा के सीएम रह चुके 76 वर्षीय नवीन पटनायक मुद्दों के आधार पर ही एनडीए अथवा यूपीए को समर्थन देते आए हैं। इसके साथ ही उनका फोकस केवल उड़ीसा की राजनीति पर ही है। उनके अनुसार उन्हें कोई फर्क नहीं पड़ता कि केंद्र में कांग्रेस की सरकार रहे या फिर बीजेपी की, वह हमेशा उड़ीसा के लिए ही काम करना चाहते हैं।