UP, Bihar के लाखों प्रवासियों के लिए 14 दिन का Quarentine अनिवार्य
योगी आदित्यनाथ और नीतीश कुमार का आदेश किसी लोगों तक भोजन सामग्री पहुंचाया जाए।
डेस्क: को’रोनो वायरस या COVID-19 के देशव्यापी बंद के अपने प्रदेश लौटे प्रवासी लोगों का राज्य में 14 दिन के लिए पृथक रखना अनिवार्य है। उत्तर प्रदेश और दिल्ली में राज्य सरकारों द्वारा 500 से अधिक बसों की व्यवस्था किए जाने के बाद घर लौटने के लिए बेताब हजारों लोगों की भीड़ शनिवार को दिल्ली में देखने को मिली। मालूम हो कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने COVID-19 के प्रसार को रोकने के लिए 21 दिनों के लिए ‘संपूर्ण लॉकडाउन” का ऐलान किया था।
इसी बीच उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने निर्देश दिये हैं कि लॉकडाउन अवधि में प्रदेशवासियों को खाद्यान्न, सब्जी, दूध आदि की सुचारु आपूर्ति के लिए सप्लाई चेन को सुदृढ़ किया जाए। मुनाफाखोरी रोकने के लिए आवश्यक वस्तुओं की कीमत सूची जारी करके इसे दुकानों पर प्रदर्शित कराया जाए।
उन्होंने कहा कि कि पिछले तीन दिनों में प्रदेश में एक लाख अतिरिक्त लोग अन्य राज्यों से आये हैं। इन सभी लोगों के नाम, पता, फोन नम्बर आदि सहित सूची तैयार करके सम्बन्धित जिला प्रशासन को उपलब्ध करायी जाए। इन सभी व्यक्तियों को निगरानी में रखा जाए और इन्हें अनिवार्य रूप से पृथक रखा जाए।
उन्होंने कहा कि इन व्यक्तियों के लिए खाद्यान्न की व्यवस्था भी सुनिश्चित की जाए। मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रदेश में कोई भी व्यक्ति भूखा नहीं रहना चाहिए। लाकडाउन अवधि के दौरान प्रशासन द्वारा सामुदायिक रसोई के माध्यम से धर्मार्थ, स्वयंसेवी आदि संगठनों के सहयोग से गरीब, जरूरतमन्द, श्रमिकों, निराश्रितों आदि को भोजन उपलब्ध कराया जाए। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने अधिकारियों को यह निर्देश शनिवार को यहां अपने सरकारी आवास पर कोरोना वायरस के नियंत्रण हेतु लागू की गयी लाकडाउन व्यवस्था की समीक्षा के दौरान दिये।
कोरोना वायरस के नियंत्रण तथा इस महामारी से निपटने के लिए लागू लाकडाउन के दौरान विभिन्न व्यवस्थाओं के सुचारु संचालन के लिए राज्य सरकार द्वारा 11 कमेटियों का गठन किया गया है। उन्होंने कहा कि विभिन्न प्रदेशों के लिए वरिष्ठ प्रशासनिक व पुलिस अधिकारियों की नोडल अधिकारियों के रूप में तैनाती का सकारात्मक प्रभाव पड़ा है।
उन्होंने अवशेष राज्यों के लिए भी नोडल अधिकारियों की तैनाती कर उनके फोन नम्बर सार्वजनिक करने के निर्देश दिये। उन्होंने कहा कि नोडल अधिकारी सम्बन्धित राज्यों में रह रहे प्रदेशवासियों को लाकडाउन की अवधि के दौरान वहीं रुकने के लिए प्रोत्साहित करें।
वहीं, मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने शनिवार को मुख्य सचिव को बिहार से लगने वाली अन्य राज्यों की सीमाओं के साथ-साथ पड़ोसी देश नेपाल की सीमा पर ‘आपदा सीमा राहत शिविर’ की व्यवस्था करने के निर्देश दिये। पटना स्थित एक अणे मार्ग पर मुख्यमंत्री आवास पर शाम को बैठक के दौरान नीतीश ने लॉकडाउन (बंद) की स्थिति की समीक्षा की।
इस दौरान उन्होंने बंद के कारण राज्य के सीमावर्ती क्षेत्रों में फंसे लोगों को राहत पहुंचाने के उद्देश्य से मुख्य सचिव को बिहार से लगने वाली राज्यों की सीमाओं एवं नेपाल की सीमा पर ‘आपदा सीमा राहत शिविर’ की व्यवस्था करने का निर्देश दिया।
‘आपदा सीमा राहत शिविर’ में आपदा राहत केन्द्रों की तरह ही दूसरे राज्यों से आने वाले बिहार के लोगों अथवा अन्य राज्यों के फंसे लोगों को भोजन, आवासन एवं चिकित्सकीय सुविधा उपलब्ध करायी जायेंगी। इस व्यवस्था की समीक्षा एवं अनुश्रवण मुख्यमंत्री स्वयं कर रहे हैं।
मुख्यमंत्री ने कहा कि सरकार कोरोना वायरस सक्रंमण के कारण लोगों के बंद में फंसे होने की स्थिति को आपदा मान रही है और ऐसे लोगों की मदद अन्य आपदा पीड़ितों की तरह ही की जाएगी। मुख्यमंत्री के इस निर्देश के आलोक में मुख्य सचिव दीपक कुमार ने राज्य के सभी सीमावर्ती जिलों यथा- पश्चिमी चम्पारण, पूर्वी चम्पारण, सीतामढ़ी, मधुबनी, सुपौल, अररिया, किशनगंज, पूर्णिया, कटिहार, भागलपुर, बांका, जमुई, नवादा, गया, औरंगाबाद, भोजपुर, कैमूर, बक्सर, छपरा, सीवान एवं गोपालगंज के जिलाधिकारियों से वीडियो कान्फ्रेंसिंग के माध्यम से बैठक कर उन्हें त्वरित कार्रवाई का निर्देश दिया।
नीतीश ने एक बड़ी पहल करते हुये मुख्यमंत्री क्षेत्र विकास योजना के तहत कोरोना उन्मूलन कोष में 7 करोड़ रुपये का अंशदान दिया है। उन्होंने ने विधान परिषद के सदस्य के तौर पर कोविड-19 के संबंध में इस राशि के व्यय करने की अनुशंसा की है। ज्ञात हो कि कोरोना महामारी से बचाव एवं राहत कार्य के लिए कोरोना उन्मूलन कोष का गठन किया गया है। इससे कोरोना संक्रमण के खिलाफ जारी लड़ाई में मदद मिलेगी।
इससे पूर्व नीतीश ने कहा था कि विशेष बसों से लोगों को भेजना एक गलत कदम है। उन्होंने कहा कि इससे बीमारी और फैलेगी जिसकी रोकथाम और उससे निबटना सबके लिए मुश्किल होगा। जो जहां हैं उनके लिये रहने-खाने की व्यवस्था वहीं की जा रही है।
यह फैसला लॉकडाउन को पूरी तरह फेल कर देगा। नीतीश ने सुझाव दिया कि स्थानीय स्तर पर ही कैम्प लगाकर लोगों के रहने और खाने का इंतजाम किया जाए। गौरतलब है कि दिल्ली व राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र से हजारों की संख्या में लोग अपने घर जाने के लिए पैदल निकल रहे हैं। इसे देखते हुए उत्तर प्रदेश सरकार ने 200 बसों का इंतजाम किया है, ये बसें नोएडा-गाजियाबाद से हर दो घंटों में रवाना होंगी। इन बसों में ज्यादातर पूर्वांचल और बिहार के यात्री हो सकते हैं। कई दिनों से परेशानी झेल रहे इन यात्रियों के लिए यह राहत वाली बात हो सकती है लेकिन सच्चाई ये भी है कि इन यात्रियों में अगर कोई भी संक्रमित हुआ तो बड़ी दिक्कत खड़ी हो सकती है।