ममता सरकार के लापरवाही से बंगाल के मजदूरों को हुआ नुकसान, नहीं मिला ये फायदा
डेस्क: कोरोना (कोविड 19) महामारी के वजह से भारत सहित पूरे विश्व मे आर्थिक संकट जारी है।
केंद्र और राज्य सरकारें अपने-अपने स्तर पर लोगों को आर्थिक रूप से सहयोग देने के लिए कार्यरत है खास कर मजदूर वर्ग के लिए।
इसी बीच खबर ये भी है कि पश्चिम बंगाल के प्रवासी मजदूरों को भारी नुकसान हो गया है। राजनीति की लड़ाई में राज्य के लाखों मजदूरों को रोजगार से वंचित रहना पड़ेगा। केंद्र सरकार ने जानकारी दी है कि राज्य सरकार की लापर’वाही और सुस्त रवैये की वजह से पश्चिम बंगाल में ‘गरीब कल्याण रोजगार अभियान’ लागू नहीं हो पाएगा।
केंद्र की जनसमर्थक नीतियों का कथित तौर पर विरोध करने के लिए पश्चिम बंगाल की तृणमूल कांग्रेस सरकार की आलोचना करते हुए केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने कहा कि राज्य को ‘गरीब कल्याण रोजगार अभियान’ का लाभ नहीं मिल सकता क्योंकि इसने प्रवासी श्रमिकों का आंकड़ा मुहैया नहीं कराया है।
बंगाल के लोगों के लिए आयोजित डिजिटल रैली को संबोधित करते हुए केंद्रीय वित्त मंत्री ने मुख्यमंत्री ममता बनर्जी की ‘राज्य में श्रमिक विशेष रेलगाड़ी सेवाओं की अनुमति देने में अनिच्छा जताने’ के लिए भी आलोचना की।
केंद्रीय वित्त मंत्री ने कहा, ‘पश्चिम बंगाल सरकार केंद्र की सभी जन हितैषी नीतियों का विरोध करती रही है… प्रवासी श्रमिकों पर छह राज्यों ने आंकड़े साझा किए हैं. बहरहाल, पश्चिम बंगाल ने आंकड़ा साझा नहीं किया है।’
केंद्रीय वित्त मंत्री ने कहा, ‘हमारे प्रधानमंत्री ने एक योजना की शुरुआत की जिसमें देश के 116 जिलों को कवर किया जाएगा लेकिन बंगाल के किसी भी जिले को इसमें शामिल नहीं किया जाएगा क्योंकि तृणमूल सरकार ने हमसे आंकड़ा साझा नहीं किया। बंगाल में सत्तारूढ़ दल केंद्र की किसी भी कल्याणकारी योजना को लागू नहीं करना चाहता।’
मालूम हो कि तृणमूल कांग्रेस के कई वरिष्ठ नेताओं ने ‘गरीब कल्याण रोजगार अभियान’ का लाभ राज्य को नहीं देने के लिए हाल में केंद्र सरकार की आलोचना की थी।