नारदा केस में फंसे टीएमसी के नेताओं की जमानत पर कोलकाता हाईकोर्ट ने लगाई रोक, इतने दिनों के लिए भेजा जेल
डेस्क: वर्ष 2016 में घटित हुए नारदा स्टिंग केस की वजह से फिलहाल कोलकाता में काफी गर्मा गर्मी देखने को मिल रही है। 17 मई की सुबह तृणमूल के चारों नेताओं के घर सीबीआई ने छापा मारा। इसके बाद उन्हें गिरफ्तार कर निजाम पैलेस में सीबीआई हेड क्वार्टर ले जाया गया।
गिरफ्तार किए गए नेताओं में तृणमूल के दो मंत्री, एक विधायक और एक पूर्व मेयर शामिल थे। गिरफ्तारी के दिन ही चारों को वर्चुअली सीबीआई कोर्ट में पेश किया गया जहां उन्हें 50 हजार रुपए के मुचलके पर अंतरिम जमानत दे दी गई थी।
इस फैसले को सीबीआई ने हाईकोर्ट में चुनौती दी जिसके बाद कोलकाता हाईकोर्ट में इस मामले की सुनवाई हुई। मामले की सुनवाई के बाद कोलकाता हाईकोर्ट ने चारों नेताओं के जमानत पर रोक लगा दी।
आपको बता दें कि इस मामले में सुनवाई अब बुधवार 19 मई को होगी। तब तक के लिए चारों नेताओं को न्यायिक हिरासत में भेज दिया गया है।
2016 में घटित नारदा स्टिंग ऑपरेशन केस में कुछ दिनों पहले ही राज्यपाल ने जांच करने की अनुमति दी थी। इसके बाद सीबीआई ने इन नेताओं के घर छापेमारी की।
अपने नेताओं की गिरफ्तारी की खबर सुन इसका विरोध करते हुए ममता बनर्जी सीबीआई दफ्तर पहुंची। वहां उन्होंने सीबीआई के अधिकारियों को खुली चुनौती दी कि या तो उनके नेताओं को छोड़ दिया जाए अथवा उन्हें भी गिरफ्तार किया जाए।
इसी के साथ टीएमसी कार्यकर्ताओं ने सीबीआई दफ्तर के बाहर विरोध प्रदर्शन द्वारा अपनी नाराजगी जाहिर की। प्रदर्शन के दौरान कार्यकर्ताओं ने सीबीआई दफ्तर के बाहर पथराव किए तथा बैरिकेड भी तोड़े। दफ्तर के बाहर इस स्थिति को देखते हुए सुरक्षा बलों ने उन पर लाठीचार्ज भी किया।
बंगाल के राज्यपाल जगदीप धनखड़ ने टीएमसी कार्यकर्ताओं द्वारा यह गए प्रदर्शन पर नाराजगी जाहिर करते हुए एक ट्वीट भी किया। अपने ट्वीट में उन्होंने बंगाल की कानून व्यवस्था को दयनीय बताया। इसके साथ उन्होंने मुख्यमंत्री से कानून और व्यवस्था पर कार्रवाई करने और बहाल करने की अपील की।
Invited attention @MamataOfficial “On channels and in public domain I notice arson and pelting of stones at CBI office. Pathetic that Kolkata Police @KolkataPolice and West Bengal Police @WBPolice are just onlookers.
Appeal to you to act and restore law and order.”— Governor West Bengal Jagdeep Dhankhar (@jdhankhar1) May 17, 2021