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यदि ध्यान दे सरकार तो देश के दूसरे नीरज चोपड़ा बन सकते हैं बिहार के अरुण कुमार

 

डेस्क: आज देश के बच्चे-बच्चे के मुंह में नीरज चोपड़ा का नाम सुना जा सकता है। देश का नाम अंतरराष्ट्रीय स्तर पर ऊँचा करने का उन्होंने जो काम किया है इसके लिए उन्हें काफी सराहना मिल रही है। अलग-अलग राज्यों की सरकारों द्वारा तथा अलग-अलग संस्थानों द्वारा उन पर इनमें की बारिश भी की जा रही है।

टोक्यो ओलंपिक में नीरज चोपड़ा के बेहतरीन प्रदर्शन से गोल्ड जीतने के बाद से ही देश के कई युवाओं को प्रोत्साहन मिला है। ऐसे खिलाड़ी जो जिला अथवा राज्य स्तर के खेलों में काफी अच्छा प्रदर्शन कर रहे थे, ओलंपिक में नीरज की जीत से उन्हें आगे बढ़ने के लिए हौसला मिला है।

नीरज चोपड़ा के अलावा भी हमारे देश में कई प्रतिभाशाली खिलाड़ी हैं जिन्हें अगर मौका दिया जाए तो वह भी कुछ ऐसा ही करके दिखा सकते हैं। लेकिन साधनों की कमी के कारण ऐसे खिलाड़ी उभर कर सामने नहीं आ पा रहे हैं। ऐसे ही खिलाड़ियों में से एक है बिहार के जमुई जिला के खैरा बाजार के निवासी अरुण कुमार।

JAVELIN THROWER ARUN KUMAR

बिहार का नाम कर चुके हैं रौशन

अरुण कुमार ने अपने जीवन के कई चुनौतियों को पार कर जैवलिन थ्रो में बिहार का नाम रोशन किया है। लगातार मेहनत कर अरुण ने जिला, राज्य व राष्ट्रीय स्तर पर अपना लोहा मनवाया है। इतना ही नहीं नेशनल गेम्स में अब तक उन्हें दो रजत पदक मिल चुके हैं। साथ ही ईस्ट जोन गेम्स में भी वह अब तक 5 पदक जीत चुके हैं।

बिहार खेल सम्मान से सम्मानित हैं अरुण

बिहार के जमुई जिला के जाने-माने एथलीट अरुण कुमार ने अब तक जो कुछ भी हासिल किया है वह अपने दम पर किया है। उनके पिता महेश प्रसाद मोदी का कहना है कि आर्थिक तंगी होने के बाद भी अरुण ने अभी तक हार नहीं मानी। उनके प्रदर्शन को देख 2013 में उन्हें बिहार खेल सम्मान से सम्मानित किया जा चुका है।

ARUN KUMAR KHAIRA

देश का नाम करना चाहते हैं रौशन

नीरज चोपड़ा की तरह ही अरुण कुमार भी अंतरराष्ट्रीय स्तर पर देश का नाम रौशन करना चाहते हैं लेकिन खेल के लिए जरूरी सुविधाओं और साधनों के ना होने की वजह से वह ऐसा करने में सक्षम नहीं हैं। उन्हीं की तरह देश भर में कई और भी खिलाड़ी हैं जिनमें प्रतिभा तो है लेकिन साधनों की कमी के कारण वह आगे नहीं बढ़ पा रहे हैं।

सरकार से की आवश्यक संसाधन मुहैया करवाने की मांग

साधनों की कमी से जुंझ रहे खिलाड़ियों की आवाज बनते हुए अरुण कुमार ने सरकार से मांग करते हुए कहा यदि सरकार छोटी-छोटी जगहों के युवा खिलाड़ियों को आवश्यक संसाधन मुहैया करवाए तो यह खिलाड़ी भी अंतर्राष्ट्रीय खेलों का हिस्सा बनकर भारत का नाम ऊंचा कर सकते हैं।

ऐसे में सरकार की भी जिम्मेदारी बनती है कि इन खिलाड़ियों को भी आवश्यक संसाधन मुहैया करवाएं ताकि यह भी नीरज चोपड़ा की ही तरह आगे जाकर देश का नाम रौशन कर सकें। बता दें कि ओलिंपिक से पहले नीरज चोपड़ा के ट्रेनिंग के लिए भारत सरकार करोड़ों रुपये खर्च कर चुकी है।

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