उत्तर प्रदेश में इस रणनीति के साथ भाजपा देख रही जीत के सपने, जानिए क्या है भाजपा की रणनीति?
डेस्क: उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव 2022 के तारीखों की घोषणा होने से पहले ही सभी पार्टियां अलग-अलग रणनीतियों पर काम करना शुरू कर चुकी थी। ऐसा कहा जा रहा है कि इस बार समाजवादी पार्टी भाजपा को मुकाबले की टक्कर दे सकती हैं। इस वजह से भाजपा अपने मौजूदा 100 विधायकों का पत्ता कट सकता है। के जगह टिकट किसे देना है यह फैसला लेने के लिए दिल्ली में सप्ताह के अंत में एक बैठक होने वाली है।
भाजपा की केंद्रीय चुनाव समिति लेगी आखरी फैसला
सूत्रों की मानें तो सोमवार को लखनऊ में हुए भाजपा प्रदेश चुनाव समिति की बैठक में प्रत्याशियों के नाम को लेकर मंथन किया गया जिसके बाद यह बात सामने आई कि 25 फ़ीसदी विधायकों के चेहरों को बदला जा सकता है। हालांकि अंतिम फैसला भाजपा की केंद्रीय चुनाव समिति को ही लेना है। इस बैठक में भाजपा के सभी उम्मीदवारों के नाम पर चर्चा की जाएगी।
कई नेता छोड़ रहे हैं भाजपा का साथ
विधानसभा चुनावों की घोषणा के बाद लगातार विभिन्न दलों से नेता सपा में योगदान दे रहे हैं हाल ही में भाजपा के स्वामी प्रसाद मौर्य ने भी सपा का दामन थाम लिया। इससे यह साफ है कि सभी को लग रहा है कि यूपी की सत्ता में समाजवादी पार्टी फिर एक बार वापसी कर सकती है। जबकि C-PAD सहित लगभग सभी एजेंसियों का मानना है कि इस बार भी भाजपा ही बहुमत के साथ सत्ता में वापस आएगी।
गौरतलब है कि उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव में भाजपा अपना उम्मीदवार किसे बनाएगी इसका फैसला भाजपा के केंद्रीय चुनाव समिति को लेना है। इस बीच बताया जा रहा है कि भाजपा अपने 100 विधायक पद के उम्मीदवारों को बदल सकती है। जबकि कई नेताओं को ऐसा लगता है यूपी में सपा की वापसी हो सकती है इसलिए वह अपने दलों को छोड़कर सपा का दामन थाम रहे हैं।