विरोध के बावजूद सरेआम गौमांस खानेवाले ने भरा राज्यसभा का नामांकन
विकास रंजन भट्टाचार्य कोलकाता के पूर्व मेयर रह चुके हैं. माकपा की ओर से उनके नाम की घोषणा करते ही कांग्रेस ने उन्हें अपना समर्थन देने की घोषणा कर दी.
डेस्क: विरोध के बावजूद कोलकाता (Kolkata) की सड़कों पर सरेआम गोमांस खाकर देश के करोड़ों नागरिकों की धार्मिक आस्था को चोट पहुंचानेवाले विकास रंजन भट्टाचार्य ने राज्यसभा सदस्यता के लिए नामांकन भर दिया. उन्हें वामपंथी दल माकपा अपना उम्मीदवार बनायी है, जिनको राज्यसभा में भेजने के लिए कांग्रेस अपना समर्थन देगी. विकास रंजन भट्टाचार्य कोलकाता के पूर्व मेयर रह चुके हैं. माकपा की ओर से उनके नाम की घोषणा करते ही कांग्रेस ने उन्हें अपना समर्थन देने की घोषणा कर दी.
गौरतलब है कि 2015 में, मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी के नेता एवं कोलकाता के पूर्व मेयर विकाश रंजन भट्टाचार्य (Bikash Ranjan Bhattacharya) ने बीफ पार्टी में हिस्सा लिया था. यह बीफ पार्टी महानगर के धर्मतला स्थित चौराहे पर सरेराह आयोजित हुई थी, जिसमें लोगों को दिखा कर कुछ लोगों ने गोमांस खाया था. इस घटना की पूरे देश में निंदा हुई थी.
उल्लेखनीय है कि इसके पूर्व एक बार राज्यसभा उम्मीदवार के तौर पर विकास रंजन भट्टाचार्य का नाम घोषित हुआ था, लेकिन उन्होंने नामांकन पत्र जमा देने में विलंब किया था. इस कारण उनकी उम्मीदवारी खारिज हो गयी थी. वाम-कांग्रेस को मिला कर गठबंधन के पास 52 वोट हैं, जो जीत के लिए जो काफी हैं.
इससे पहले तृणमूल कांग्रेस (TMC) ने रविवार को अपने चार उम्मीदवारों के नामों की घोषणा की थी. पार्टी ने पूर्व रेलमंत्री दिनेश त्रिवेदी, सुब्रत बख्शी, अर्पिता घोष व मौसम बेनजीर नूर को उम्मीदवार बनाया है. मुख्यमंत्री व पार्टी सुप्रीमो ममता बनर्जी ने खुद ट्वीट करके उम्मीदवारों के नामों की घोषणा की थी. उन्होंने अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस के दिन नामों की घोषणा करते हुए कहा कि मुझे इस बात का गर्व है कि महिला सशक्तीकरण के उनके निरंतर प्रयासों के तहत नामित किए गए लोगों में 50 फीसद महिलाएं हैं. विधानसभा में संख्या बल के हिसाब से इन चारों उम्मीदवारों की जीत निश्चित है. तृणमूल कांग्रेस ने चार और माकपा ने एक उम्मीदवार के नाम की घोषणा की घोषणा की है.
भाजपा (BJP) के अधिकारिक रूप से सात विधायक हैं तथा अन्य पार्टियों के विधायकों को शामिल कर लिया जाये, तो इनकी संख्या 16 के आसपास है. कुल पांच सीटों पर चुनाव होने हैं. यदि भाजपा कोई उम्मीदवार नामांकन पत्र दाखिल नहीं करती है, तो बिना प्रतिद्वंद्विता के चुनाव संपन्न होने की संभावना से इनकार नहीं किया जा सकता है. हालांकि भाजपा ने अभी तक अपना रूख साफ नहीं की है.