“मोदी सरनेम” मामले को लेकर राहुल गाँधी जाएंगे कोर्ट, इन मामलों में भी फंस चुके हैं राहुल गाँधी
![Rahul Gandhi will go to court regarding Modi surname issue](https://akjnews.com/wp-content/uploads/2023/04/Rahul-Gandhi-will-go-to-court-regarding-Modi-surname-issue-780x419.jpg)
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डेस्क: भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी एक दशक से अधिक समय से भारत में एक प्रमुख राजनीतिक व्यक्तित्व हैं। सत्तारूढ़ भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) को टक्कर देने के अपने कई प्रयासों के बावजूद, राहुल गांधी को अपने राजनीतिक जीवन में चुनौतियों का सामना करना पड़ा है।
जहां वे देश को प्रभावित करने वाले विभिन्न मुद्दों पर मुखर रहे हैं, वहीं राहुल गांधी कई मामलों में भी फंसे हुए हैं, जो उनकी राजनीतिक यात्रा में बाधा साबित हुए हैं। राहुल गांधी के सामने मुख्य चुनौतियों में से एक जनता से जुड़ने का उनका संघर्ष है। अपने प्रयासों के बावजूद, वह एक ठोस समर्थन आधार बनाने में सक्षम नहीं हो पाए हैं, जिसके परिणामस्वरूप वह कई बार चुनाव जीतने में असफल रहे हैं।
लोगों के साथ प्रभावी ढंग से संवाद करने में उनकी अक्षमता ने मतदाताओं से जुड़ने में उनके संघर्षों में और योगदान दिया है। उनके बयान और कार्य अक्सर उन्हें विरोधियों और मीडिया की आलोचना और उपहास का केंद्र बनाते हैं।
सूरत कोर्ट में करेंगे याचिका दायर
मोदी सरनेम पर किये गए टिप्पणी के कारण मिली मानहानि की सजा के खिलाफ आज राहुल गांधी सूरत कोर्ट में याचिका दायर करने वाले हैं। बता दें की सजा सुनाए जाने के 11 दिनों के बाद सरेंडर करने से इंकार कर उन्होंने सूरत कोर्ट में याचिका दाखिल करने का निर्णय लिया है।
वह सूरत कोर्ट में रेगुलर बेल के लिए अर्जी दाखिल करेंगे। इसके अलावा भी कई बार राहुल गांधी अन्य मामलों में फंस चुके हैं। जिसके बाद या तो उन्होंने माफी मांग ली या फिर कई मामले जिनमें उन्होंने माफी नहीं मांगी अभी तक अदालत में चल रहे हैं।
एक ऐसा ही मामला जिनमें उन्होंने अंत में माफी मांग कर न्यायिक प्रक्रिया से पीछा छुड़ाया था, वह 2019 में हुआ था। 2019 में लोकसभा चुनाव प्रचार के दौरान उन्होंने नारा दिया था- ‘चौकीदार चोर है’। साथ ही उन्होंने सुप्रीम कोर्ट का जिक्र करते हुए कहा था कि सुप्रीम कोर्ट ने भी यह बात स्वीकार कर लिया है।
उनके इस बयान के बाद उन पर मानहानि का केस दर्ज हुआ था। उन्होंने सुप्रीम कोर्ट में एक हलफनामा दायर कर अपने बयान के लिए यह कहते हुए माफी मांग ली थी कि सुप्रीम कोर्ट का अपमान करने की उनकी कोई मनसा नहीं थी। जिसके बाद उनपर लगाए सभी केस को हटा दिया गया था।