राजनीति

गीताप्रेस को ‘गांधी शांति पुरस्कार’ मिलने पर शुरू हुई राजनीति, हुई सावरकर और गोडसे से तुलना

डेस्क: कांग्रेस के वरिष्ठ नेता जयराम रमेश ने गीता प्रेस गोरखपुर को गांधी शांति पुरस्कार 2021 प्रदान करने के लिए केंद्र की आलोचना की और इस कदम को एक ‘उपहास’ बताया। एक तरफ जहां केंद्र सरकार ने अहिंसक और गांधीवादी तरीकों से सामाजिक, आर्थिक और राजनीतिक परिवर्तन की दिशा में उत्कृष्ट योगदान के लिए गीता प्रेस को पुरस्कार देने का फैसला किया, वहीं जयराम रमेश ने गीताप्रेस पर अहिंसा फ़ैलाने का आरोप लगाया।

रमेश ने फैसले की आलोचना करने के लिए ट्विटर का सहारा लिया और कहा कि गीता प्रेस को गांधी शांति पुरस्कार 2021 देना ‘सावरकर और गोडसे को पुरस्कृत करने’ जैसा है। उन्होंने अक्षय मुकुल द्वारा लिखित ‘गीता प्रेस एंड द मेकिंग ऑफ हिंदू इंडिया’ का कवर पेज भी साझा किया और तर्क दिया कि कैसे लेखक ने महात्मा के साथ अपने कटु संबंधों और उनके राजनीतिक, धार्मिक मुद्दों पर उनके साथ चल रही बहसों का ज़िक्र किया है। बता दें कि इस पुस्तक को भी गीताप्रेस ने ही पब्लिश किया था।

₹1 करोड़ का नकद पुरस्कार

1995 में सरकार द्वारा स्थापित ‘गांधी शांति पुरस्कार’ महात्मा गांधी द्वारा प्रतिपादित आदर्शों को श्रद्धांजलि के रूप में एक वार्षिक पुरस्कार है। यह पुरस्कार राष्ट्रीयता, नस्ल, भाषा, जाति, पंथ या लिंग की परवाह किए बिना किसी को भी प्रदान किया जा सकता है। पुरस्कार में ₹1 करोड़ का नकद पुरस्कार, एक प्रशस्ति पत्र, एक पट्टिका शामिल है।

दुनिया के सबसे बड़े प्रकाशकों में से एक गीता प्रेस की स्थापना 1923 में हुई थी। आधिकारिक सूत्रों के अनुसार, इसने 14 भाषाओं में 417 मिलियन पुस्तकें प्रकाशित की हैं, जिनमें 162 मिलियन श्रीमदभगवदगीता की प्रतियां शामिल हैं। एक तरफ जा के नेता जहां कांग्रेस के नेता सरकार के इस फैसले की उलाहना करते नहीं थक रहे हैं वहीं दूसरी तरफ प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अपनी स्थापना के बाद पिछले 100 सालों से सामाजिक और सांस्कृतिक परिवर्तन को आगे बढ़ाने की दिशा में गीता प्रेस द्वारा किए गए कार्यों की सराहना की है।

उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने की गोरखपुर से गीता प्रेस को इस उपलब्धि के लिए बधाई देते हुए कहा कि यह पुरस्कार धार्मिक साहित्य को एक नई उड़ान देगा। इतना कहकर उन्होंने प्रधानमंत्री का आभार व्यक्त किया। वाकई में यह एक गर्व की बात है विश्व के सबसे बड़े प्रकाशक गीता प्रेस स्थापना के 100 वर्ष पूरे होने के अवसर पर इससे गांधी शांति पुरस्कार 2021 प्रदान किए जाने का फैसला किया गया है।

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