अगर नंदीग्राम सीट से ममता हारी तो क्या होगा?
डेस्क: आज 2 मई के दिन पश्चिम बंगाल सहित अन्य चार राज्यों के विधानसभा चुनाव की मतगणना हो रही है। मतगणना के दौरान यह साफ देखा जा रहा है कि पश्चिम बंगाल में तृणमूल कांग्रेस भाजपा से आगे चल रही है।
जबकि नंदीग्राम सीट से खड़े हुए तृणमूल कांग्रेस प्रार्थी ममता बनर्जी भाजपा उम्मीदवार शुभेंदु अधिकारी से पीछे चल रहे हैं। ऐसे में अगर ममता बनर्जी हार जाती है तो क्या होगा? यह सवाल कई लोगों के मन में आ रही है।
जब से वोटों की गिनती चालू हुई है तब से इस सीट पर सबकी नजर बनी हुई है। दोनों पार्टियों के बीच कांटे की टक्कर देखी जा सकती है। शुरुआती रुझानों में शुभेंदु अधिकारी ममता बनर्जी से पीछे चल रहे थे। लेकिन जैसे-जैसे समय बीतता गया, ममता बनर्जी पीछे होती गई और अधिकारी ने लगभग 10,000 से बढ़त बना ली।
आपको बता दें कि ममता बनर्जी इस बार अपने भवानीपुर सीट को छोड़कर नंदीग्राम से चुनाव लड़ रही है। यदि इस विधानसभा चुनाव में ममता बनर्जी नंदीग्राम सीट से सुवेन्दु अधिकारी से हार जाती हैं तो यह उनके राजनीतिक जीवन की सबसे बड़ी हार होगी।
हालांकि राजनीतिक जानकारों का कहना है कि अभी तक मुस्लिम बहुल इलाकों के वोटों की गिनती नहीं हुई है। यही वजह है कि सुवेन्दु अधिकारी आगे चल रहे हैं। जैसे ही मुस्लिम बहुल क्षेत्रों में वोटों की गिनती होगी तो ममता बनर्जी बढ़त बना सकती है।
जानकारों का मानना है कि अगर ममता बनर्जी नंदीग्राम सीट से हारती है तो वह खारडाह सीट से पूनः चुनाव लड़ सकती हैं।
आपको बता दें कि खारडाह सीट के तृणमूल कांग्रेस के प्रार्थी काजल सिन्हा कोविड से ग्रस्त थे। 25 अप्रैल 2021 को कोविड से उनकी मौत हो गयी थी। हालांकि इस सीट से तृणमूल कांग्रेस बढ़त बनाये हुए है। अतः इस सीट से खड़ी होकर वह पुनः मतदान करवा कर अपने नाम जीत दर्ज करवा सकती हैं।
तृणमूल ने दावा किया था कि यदि वह जीतेगी तो बंगाल में भी विधान परिषद (MLC) का निर्माण किया जाएगा। तो ऐसे में यह भी हो सकता है कि वह MLC नियुक्त की जाएं।
गौरतलब है कि जैसे-जैसे वक्त बीत रहा है, नंदीग्राम विधानसभा के दोनों प्रार्थियों के मतों का अंतर भी बरकरार है। ऐसे में हो सकता है नंदीग्राम सीट से ममता बनर्जी को हार का सामना करना पड़े और सुवेन्दु अधिकारी अपने नाम जीत दर्ज करवा लें।