भारत के लिए चांद की ओर ऐतिहासिक यात्रा
चंद्रयान-2 मिशन के तहत शोध यान चांद के उस हिस्से में उतरेगा जिसपर अभी तक कोई भी शोध नहीं हुआ है
डिजिटल डेस्क: भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) के चीफ के सिवन ने चंद्रयान-2 की लॉन्चिंग के बाद प्रेस कॉन्फ्रेंस करके कहा कि चंद्रयान-2 का प्रक्षेपण सफल रहा। यह चांद के दक्षिणी ध्रुव पर उतरेगा।
इसरो चीफ के सिवन ने कहा कि मुझे यह घोषणा करते हुए खुशी हो रही है कि जीएसएलवी ने चंद्रयान-2 को पृथ्वी की कक्षा पर सफलतापूर्वक स्थापित कर दिया है। यह भारत के लिए चांद की ओर ऐतिहासिक यात्रा और वहां के दक्षिणी ध्रुव पर उतर पर वैज्ञानिक शोध करने की शुरुआत है।
बता दें कि इसरो ने आज दोपहर 2:43 बजे चांद पर शोध के लिए चंद्रयान-2 लॉन्च कर दिया है। ISRO ने इसे 44 मीटर लंबे और लगभग 640 टन वजनी जियोसिंक्रोनाइज सैटेलाइट लांच व्हीकल- मार्क तृतीय (जीएसएलवी-एमके तृतीय-एम1) से लॉन्च किया है। इस रॉकेट को बाहुबली कहा जा रहा है। इस रॉकेट और चंद्रयान-2 की कीमत 978 करोड़ रुपये है।
यह भारत का दूसरा चंद्र मिशन है। चंद्रयान-2 मिशन के तहत शोध यान चांद के उस हिस्से में उतरेगा जिसपर अभी तक कोई भी शोध नहीं हुआ है। वैज्ञानिकों के अनुसार इस दक्षिणी ध्रुव पर शोध से यह पता चलेगा कि आखिर चांद की उत्पत्ति कैसे हुई। इस क्षेत्र में बड़े और गहरे गड्ढे हैं। इनमें सोलर सिस्टम के शुरुआती दिनों के जीवाष्म होने की संभावना है। चंद्रयान-2 चांद की सतह की मैपिंग भी करेगा। इससे उसके तत्वों के बारे में भी पता चलेगा।