जानिए क्यों रखा गया था राजीव गांधी के नाम पर ही खेल रत्न पुरस्कार का नाम?
डेस्क: राजीव गांधी अब तक के भारत के सबसे युवा प्रधानमंत्री हैं। वह केवल 40 वर्ष के थे जब उन्होंने प्रधानमंत्री पद की शपथ ली। हालांकि वह राजनीति में आना तो नहीं चाहते थे लेकिन ना चाहते हुए भी उन्हें राजनीति में आना पड़ा।
लेकिन राजनीति में आने के बाद से ही उन्होंने अपनी सूझबूझ से देश की तरक्की के लिए कई अहम फैसले लिए। साथ ही उन्होंने अपने शासनकाल में उन्होंने सदी के भारत का नींव रखा। अपने शासनकाल में उन्होंने कई ऐसे परिवर्तन किए जिसके लिए आज भी उन्हें सराहा जाता है।
भारत में कंप्यूटर क्रांति का जनक
भारत में कंप्यूटर क्रांति उन्हीं का देन है। दरअसल वह समझ गए थे की विज्ञान और तकनीक के बिना उद्योग को आगे नहीं बढ़ाया जा सकता इसलिए उन्होंने कंप्यूटर के प्रयोग पर अधिक जोर दिया। उनके प्रयास से ही भारत के घर-घर तक कंप्यूटर पहुंच सका।
इसके अलावा उन्होंने दूरसंचार को भी बढ़ावा दिया। उनके प्रयास से ही शहर से लेकर गांव तक दूरसंचार का जाल बिछ सका। जगह-जगह पीसीओ बन जाने के कारण सूचना का प्रसार और भी तेजी से होने। यह सभी उपलब्धियां तो ठीक है लेकिन भारत का सर्वोच्च खेल सम्मान खेल रत्न पुरस्कार राजीव गांधी के नाम पर रखने का कारण साफ नहीं है।
एशियाई खेलों की आयोजन समिति के रहे चुके सदस्य
1982 में राजीव गांधी को एशियाई खेलों के आयोजन समिति का सदस्य बनाया गया था। उस समय एशियाई खेलों की वजह से पूरे दिल्ली का कायाकल्प हो गया था। दिल्ली में कई बड़े फ्लाईओवर व सड़कों का निर्माण भी किया गया था। हो सकता है इसी वजह से सर्वोच्च खेल सम्मान का नाम राजीव गांधी के नाम पर रखा गया हो।
या फिर इसका कोई अन्य कारण भी हो सकता है। बता दें कि भारत के सर्वोच्च खेल सम्मान पुरस्कार का वितरण युवा कार्य और खेल मंत्रालय द्वारा किया जाता है। ऐसे में जब इस पुरस्कार की घोषणा की गई थी उस वक्त राजीव गांधी देश के सबसे युवा प्रधानमंत्री बने थे। यह भी एक वजह हो सकता है जिसके कारण खेल रत्न का नाम राजीव गांधी के नाम पर रखा गया हो।
हालांकि इस विषय पर किसी प्रकार की आधिकारिक जानकारी उपलब्ध नहीं है। इसके बारे में केवल अंदाजा ही लगाया जा सकता है। वैसे राजनीति के अलावा खेलकूद के क्षेत्र में राजीव गांधी का कोई वैसा योगदान देखने को नहीं मिलता। फिर भी खेल रत्न का नाम मेजर ध्यानचंद के नाम पर बदले जाने को लेकर कई कांग्रेसी नेता केंद्र सरकार से नाराज हैं।